मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा 2025: पाठ्यक्रम, पैटर्न, पात्रता, और अपडेट के साथ संपूर्ण गाइड
« »29-May-2025 | दृष्टि लेखक

मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा, जिसे सामान्यतः MP सिविल जज परीक्षा के रूप में जाना जाता है, सिविल जज (जूनियर डिवीजन) बनने का आपके लिये अवसर है। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित, यह परीक्षा अत्यधिक सम्मानित है तथा न्यायिक सेवा क्षेत्र में कैरियर के इच्छुक विधि स्नातकों के लिये आयोजित की जाती है।
MP न्यायिक सेवा 2025 की अधिसूचना जल्द ही आने की संभावना है, अभ्यर्थियों को रणनीतिक रूप से तैयारी करनी चाहिये, नवीनतम पात्रता मानदंडों से अपडेट रहना चाहिये तथा संशोधित परीक्षा पैटर्न, पात्रता मानदंड, पाठ्यक्रम संरचना एवं रिक्ति विवरण को समझना चाहिये।
मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा भर्ती विवाद, 2024
- नियम संशोधन एवं प्रारंभिक चुनौती: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रवेश स्तर के न्यायिक सेवा पदों के लिये तीन वर्ष की विधिक व्यवसाय की अर्हता के लिये मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियमों के नियम 7(g) में संशोधन किया, जिसे उन अभ्यर्थियों द्वारा तुरंत चुनौती दी गई जिन्होंने इस अर्हता को पूरा किये बिना आवेदन करने के लिये अनंतिम अनुमति मांगी थी।
- उच्चतम न्यायालय की प्रारंभिक राहत: उच्च न्यायालय द्वारा अनंतिम आवेदनों को अस्वीकार करने के बाद, याचिकाकर्त्ताओं ने उच्चतम न्यायालय में अपील की, जिसने अभ्यर्थियों को तीन वर्ष की प्रैक्टिस की आवश्यकता या LLB में 70% अंकों की आवश्यकता को पूरा किये बिना परीक्षा के लिये आवेदन करने की अनुमति देते हुए अंतरिम राहत दी।
- कानूनी अनिश्चितता के बीच भर्ती की कार्यवाही: उच्चतम न्यायालय में संशोधित नियमों को चुनौती दिये जाने के बावजूद, मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा ने 17 नवंबर 2023 को एक विज्ञापन जारी किया और 14 जनवरी 2024 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की।
- संशोधित नियमों की वैधता: भर्ती प्रक्रिया के दौरान, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय दोनों ने अंततः तीन वर्षों के प्रेक्टिस की अर्हता वाले संशोधित नियमों की वैधता को यथावत बनाए रखा, जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि परीक्षाएँ ऐसे अभ्यर्थियों की भागीदारी के साथ आयोजित की गईं जो अब पुष्टि की गई पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते थे।
- पुनर्मूल्यांकन के लिये याचिका: प्रारंभिक परिणामों की घोषणा एवं मुख्य परीक्षा आयोजित होने के बाद, प्रारंभिक परिणामों के पुनर्मूल्यांकन की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई, जिसमें तर्क दिया गया कि अयोग्य अभ्यर्थियों को शामिल करने से कट-ऑफ स्कोर कृत्रिम रूप से बढ़ गया, जिससे कम स्कोर वाले योग्य अभ्यर्थी आगे की प्रक्रिया में नहीं बढ़ पाए।
- उच्च न्यायालय की प्रारंभिक खारिजी और उलटफेर: उच्च न्यायालय ने आरंभ में पुनर्मूल्यांकन याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन बाद में समीक्षा के बाद अपने निर्णय को पलट दिया, यह स्वीकार करते हुए कि अयोग्य अभ्यर्थियों को शामिल करने से कट-ऑफ अंक कैसे प्रभावित होंगे, इसकी अपनी समझ में "स्पष्ट त्रुटियाँ" थीं।
- महत्त्वपूर्ण न्यायिक निष्कर्ष: 13 जून 2024 के अपने समीक्षा आदेश में, उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि भर्ती प्रक्रिया प्रारंभिक परीक्षा से आरंभ होने वाले प्रत्येक चरण में अयोग्य अभ्यर्थियों को बाहर करने में विफल रहने के कारण "संशोधित नियमों से दिग्भ्रमित हो गई"।
- प्रक्रियात्मक सुधार का आदेश: उच्च न्यायालय ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम योग्यता अंक प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को तीन वर्ष के प्रेक्टिस की अर्हता के अंतर्गत अपनी पात्रता की पुष्टि करने वाले दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता थी, प्रभावी रूप से एक पूर्वव्यापी स्क्रीनिंग प्रक्रिया को लागू करना था।
- उच्चतम न्यायालय में अपील एवं हो रहे विलंब के विषय में: उच्च न्यायालय के समीक्षा आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई, जिसकी सुनवाई जनवरी 2025 में होने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप भर्ती प्रक्रिया में लगभग 11 महीने की चिंताजनक विलंब हुआ तथा संशोधित प्रारंभिक परिणामों या मुख्य परीक्षा परिणामों पर कोई अपडेट नहीं आया।
- मौलिक विधिक तनाव: यह मामला आपेक्षित न्यायिक पदों के लिये समय पर भर्ती करने में प्रशासनिक दक्षता एवं पात्रता नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के बीच तनाव को प्रकटित करता है, यह दर्शाता है कि कैसे बहु-चरणीय भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभिक चरणों में प्रक्रियात्मक अनियमितताएँ जटिल विधिक चुनौतियों का कारण बन सकती हैं, जिनका बिना किसी महत्त्वपूर्ण व्यवधान के समाधान करना कठिन होता है।
MP सिविल जज रिक्तियाँ 2024 (संदर्भ हेतु)
कैटेगरी |
कुल रिक्तियाँ |
बैकलॉग |
सामान्य |
31 |
17 |
SC |
9 |
11 |
ST |
12 |
109 |
OBC |
9 |
1 |
संपूर्ण |
61 |
138 |
MP न्यायिक सेवा परीक्षा पैटर्न 2025
MPCJ 2025 के लिये आधिकारिक अधिसूचना अभी जारी नहीं की गई है, लेकिन 2024 के कार्यक्रम के आधार पर, यहाँ एक अस्थायी समयरेखा दी गई है:
परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है:
1. प्रारंभिक परीक्षा
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs) – 150 प्रश्न
- संपूर्ण अंक: 150
- समयावधि: 2 घंटे
- कोई नकारात्मक मूल्यांकन नहीं
विषयवार भारांक:
विषय |
प्रश्न |
अंक |
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 |
20 |
20 |
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 |
15 |
15 |
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 |
15 |
15 |
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 |
15 |
15 |
भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 |
8 |
8 |
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 |
7 |
7 |
भारत का संविधान, 1950 |
5 |
5 |
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम,1963 |
6 |
6 |
मध्य प्रदेश किराया नियंत्रण अधिनियम |
5 |
5 |
मध्य प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम |
5 |
5 |
परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 |
5 |
5 |
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 |
4 |
4 |
परिसीमा अधिनियम, 1963 |
4 |
4 |
किशोर न्याय अधिनियम, 2015 |
3 |
3 |
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 |
3 |
3 |
सामान्य ज्ञान (GK) |
10 |
10 |
कंप्यूटर ज्ञान |
10 |
10 |
अंग्रेजी भाषा |
10 |
10 |
2. मुख्य परीक्षा
- वर्णनात्मक प्रकार के पेपर सिविल, आपराधिक विधि एवं भाषा कौशल पर केंद्रित हैं।
- इसमें निर्णय लेखन, अनुवाद एवं निबंध प्रकार के प्रश्न शामिल हैं।
- दो दिनों में 3 से 4 पेपर आयोजित किये गए।
3. साक्षात्कार
- विधिक योग्यता, जागरूकता, व्यक्तित्व एवं नैतिक दृष्टिकोण का आकलन करने के लिये व्यक्तिगत साक्षात्कार।
MP न्यायिक सेवा परीक्षा 2025 के लिये पात्रता मानदंड
शैक्षणिक योग्यता:
- किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से LLB (3 या 5 वर्षीय डिग्री)।
- सामान्य/OBC के लिये: न्यूनतम 70% अंक।
- SC/ST के लिये: न्यूनतम 50% अंक।
- प्रथम प्रयास में सभी सेमेस्टर पास करना होगा।
दिसंबर 2023 में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अधिसूचित किया कि 6 वकालतनामा/वर्ष के साथ 3 वर्ष का विधिक व्यवसाय भी अकादमिक उत्कृष्टता के लिये एक स्वीकार्य विकल्प है।
आयु सीमा ( 01 जनवरी 2024 से गणना):
- न्यूनतम: 21 वर्ष
- अधिकतम: 35 वर्ष
- सरकारी मानदंडों के अनुसार आयु में छूट लागू होगी।
सामान्य शर्तें:
- अच्छे नैतिक चरित्र वाला भारतीय नागरिक होना चाहिये।
- आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होनी चाहिये।
- न्यायिक सेवा के लिये शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिये।
मध्य प्रदेश में सिविल न्यायाधीशों की वेतन संरचना
- सिविल जजों के लिये संशोधित वेतनमान ₹27,700 – 770 – 33,090 – 920 – 40,450 – 1080 – 44,770 है।
- मूल वेतन के अतिरिक्त, सिविल जज निम्नलिखित के अधिकारी हैं:
- मकान किराया भत्ता (HRA)
- महंगाई भत्ता (DA)
- चिकित्सा एवं यात्रा भत्ता
- आधिकारिक आवास एवं वाहन सुविधाएँ
- बीमा, पेंशन एवं उपदान
- वैतनिक अवकाश एवं छुट्टियाँ
- पेशेवर विकास के अवसर
MP न्यायिक सेवा परीक्षा 2025 के लिये आवेदन कैसे करें?
चरणवार प्रक्रिया इस प्रकार है:
- MP उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: https://mphc.gov.in
- "भर्ती" अनुभाग पर जाएँ।
- "आवेदन यहाँ क्लिक करें" लिंक पर क्लिक करें।
- व्यक्तिगत विवरण, शैक्षणिक योग्यता भरें और फोटो/हस्ताक्षर अपलोड करें।
- आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करें:
- सामान्य/OBC: ₹1047.82
- SC/ST: ₹647.82
- फॉर्म की समीक्षा करें और उसे सबमिट करें। भविष्य में उपयोग के लिये एक प्रति संभाल कर रखें।
निष्कर्ष
MP न्यायिक सेवा परीक्षा 2025 उभरते विधिक व्यवसायियों के लिये एक प्रतिष्ठित अवसर है। पात्रता मानदंड विकसित होने और चयन प्रक्रिया अधिक प्रतिस्पर्धी होने के साथ, तैयारी रणनीतिक एवं अद्यतन नियमों के साथ संरेखित होनी चाहिये।
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