उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा परीक्षा 2025: संपूर्ण अधिसूचना सारांश, पात्रता, परीक्षा प्रारूप एवं अन्य विवरण

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   04-Jun-2025 | दृष्टि लेखक



उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा 2023 हेतु आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसकी आवेदन प्रक्रिया वर्ष 2025 में प्रारंभ की गई है। यह भर्ती प्रक्रिया उन अभ्यर्थियों के लिये एक स्वर्णिम अवसर है, जो उत्तराखण्ड राज्य न्यायिक सेवा में न्यायिक अधिकारी के रूप में सेवा देने की अभिलाषा रखते हैं।

उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा परीक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण तिथियाँ

आयोजन

तारीख

अधिसूचना जारी

16 मई 2025

ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि

5 जून 2025 (रात 11:59 बजे तक)

शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि

5 जून 2025

आवेदन सुधार की तिथि

11 जून से 21 जून 2025 तक

 उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा भर्ती में उपलब्ध रिक्तियाँ

कुल 08 रिक्त पदों की घोषणा की गई है (जो परिवर्तन के अधीन हैं):

वर्ग

सामान्य

आरिक्षत

अनारक्षित

06

02 (उत्तराखण्ड महिला)

अनुसूचित जाति

01

-

अन्य पिछड़ा वर्ग

01

-

कुल

08

02

 उत्तराखण्ड सिविल जज परीक्षा के लिये पात्रता

शैक्षणिक योग्यता:

  • भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (LL.B.) की डिग्री
  • हिंदी भाषा में प्रवीणता (देवनागरी लिपि) में दक्षता ।
  • बेसिक कंप्यूटर संचालन ज्ञान अनिवार्य है।

आयु सीमा (01 जनवरी 2025 तक):

  • न्यूनतम आयु: 22 वर्ष
  • अधिकतम आयु: 35 वर्ष
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अन्य आरक्षित वर्गों को आयु में छूट का प्रावधान आयोग की अधिसूचना एवं शासन के नियमानुसार लागू होगा।

उत्तराखण्ड सिविल जज परीक्षा के लिये आवेदन शुल्क

वर्ग

आवेदन शुल्क + प्रसंस्करण शुल्क

सामान्य वर्ग / आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) / अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)

₹166.36

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति

₹76.36

दिव्यांगजन (PWD)/ अनाथ अभ्यर्थी

कोई शुल्क नहीं

 उत्तराखण्ड सिविल जज परीक्षा के लिये चयन प्रक्रिया

उत्तराखण्ड सिविल जज चयन में तीन चरण शामिल हैं:

1. प्रारंभिक परीक्षा:

  • यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ (MCQ) प्रकार की होती है।
  • प्रश्नपत्र में सामान्य ज्ञान, समसामयिक घटनाएँ तथा विधिक विषयों से संबंधित प्रश्न सम्मिलित होते हैं, जिनमें भारतीय दण्ड संहिता (IPC), सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC), दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC), साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act), एवं नवीन आपराधिक विधियाँ आदि सम्मिलित हैं।
  • प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंक केवल योग्यता निर्धारण (qualifying) हेतु होते हैं - इन अंकों की गणना अंतिम चयन में नहीं की जाती ।
  • आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक गलत उत्तर के लिये प्राप्तांक में से 1/4 अंकों की नकारात्मक अंकन कटौती की जाएगी।

2. मुख्य परीक्षा:

  • यह परीक्षा वर्णनात्मक प्रकार (Descriptive Type) की होती है:
    • मौलिक विधि
    • प्रक्रियात्मक विधि
    • साक्ष्य एवं आरोप विरचित करना
    • निर्णय लेखन
    • अनुवाद और निबंध लेखन

3. साक्षात्कार (मौखिक परीक्षा):

  • यह चरण अभ्यर्थी की व्यक्तित्व जांच (Personality Test) हेतु आयोजित किया जाता है, जिसमें उसकी विधिक योग्यता, विधिक चेतना एवं न्यायिक पद हेतु उपयुक्तता का मूल्यांकन किया जाता है।

चयन की मेरिट सूची मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार की जाएगी।

उत्तराखण्ड न्यायपालिका आवेदन के लिये आवश्यक दस्तावेज़

अभ्यर्थियों को आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की सुनिश्चित उपलब्धता अनिवार्य रूप से करनी होगी:

  • एल.एल.बी. डिग्री और मार्कशीट
  • निवास और जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • कंप्यूटर ज्ञान प्रमाण
  • हिंदी भाषा में प्रवीणता का प्रमाण (यदि यह डिग्री पाठ्यक्रम का भाग न रहा हो)
  • वैध पहचान प्रमाण (जैसे: आधार कार्ड/पैन कार्ड आदि)

उत्तराखण्ड में सिविल जज का वेतनमान

उत्तराखण्ड सिविल जजों को सरकारी अधिसूचना राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित संशोधित वेतनमान जे-1 (Pay Band J-1): ₹77,840 – ₹1,36,520 प्रदान किया जाएगा।  

अतिरिक्त लाभों में सम्मिलित हैं::

  • मकान किराया भत्ता (HRA), महंगाई भत्ता (DA)
  • वाहन एवं आवासीय सुविधा
  • पेंशन, बीमा एवं अवकाश संबंधी लाभ

उत्तराखण्ड सिविल जज परीक्षा के लिये आवेदन

  1. आधिकारिक वेबसाइट gov.inया pscuk.net.in पर जाएं।
  2. "How to Apply"अनुभाग में दिये गए समस्त निदेशों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करें।
  3. “Apply Now”पर क्लिक करें और पंजीकरण फॉर्म पूरा करें।
  4. आवश्यक दस्तावेज़ों, नवीनतम पासपोर्ट आकार के फोटो एवं हस्ताक्षर की स्कैन प्रति अपलोड करें।
  5. आवेदन शुल्क का भुगतान नेट बैंकिंग / यूपीआई / डेबिट-क्रेडिट कार्ड के माध्यम से करें।
  6. आवेदन पत्र को अंतिम रूप से जमा कर उसकी एक प्रति भविष्य हेतु प्रिंट कर सुरक्षित रखें।

संशोधन विंडो 11 जून 2025 से 21 जून 2025 तक खुली रहेगी।

अभ्यर्थी केवल एक बार ही संशोधन कर सकेंगे।

अभ्यर्थियों को कौन सी मुख्य बातें ध्यान में रखनी चाहिये?

  • आवेदन पत्र में कोई भी मिथ्या जानकारी या आवश्यक दस्तावेज़ों की अनुपस्थिति अयोग्यता (Disqualification) का कारण बन सकती है।
  • अभ्यर्थियों को 5 जून 2025 तक पात्रता की शर्तें पूरी करनी होंगी ।
  • प्रवेश पत्र, परीक्षा केंद्र की जानकारी तथा परिणाम संबंधित सभी घोषणाएँ उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (UKPSC) की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएँगी।

उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा परीक्षा 2025 एक उत्तम अवसर क्यों है?

  • उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा परीक्षा 2025, विधि स्नातकों के लिये न्यायिक पदों पर नियुक्ति का एक श्रेष्ठ अवसर है। सीमित पदों एवं प्रतिस्पर्धी परीक्षा संरचना के चलते यह आवश्यक है कि अभ्यर्थी रणनीतिक तैयारी, समयबद्ध आवेदन एवं पात्रता मानकों के पालन पर विशेष ध्यान दें।
  • अभ्यर्थियों को UKPSC की आधिकारिक वेबसाइट एवं विश्वसनीय न्यायिक ब्लॉग्स के माध्यम से परीक्षा तिथियाँ, पाठ्यक्रम एवं मॉक टेस्ट से संबंधित अद्यतन जानकारी नियमित रूप से प्राप्त करते रहना चाहिये।

उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा परीक्षा 2025 की तैयारी के लिये सबसे अच्छी रणनीति क्या हो सकती है?

  • उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा सिविल जज परीक्षा में सफलता प्राप्त करने हेतु अभ्यर्थियों को केंद्रित एवं चरणबद्ध अध्ययन रणनीति अपनाना आवश्यक है।
  • प्रारंभिक परीक्षा के लिये विधिक विषयों में मज़बूत आधार तैयार करें, विशेष रूप से भारतीय दण्ड संहिता (IPC), भारतीय न्याय संहिता (BNS), दीवानी प्रक्रिया संहिता (CPC), दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारत साक्ष्य अधिनियम (BSA) एवं साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act) पर विशेष ध्यान केंद्रित करें। साथ ही, नियमित रूप से बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) का अभ्यास करें जिससे गति एवं सटीकता विकसित हो।
  • मुख्य परीक्षा हेतु उत्तर लेखन कौशल को विकसित करें - उत्तरों में स्पष्टता, विधिक तर्कशक्ति (Legal Reasoning) तथा उत्तर संरचना परीक्षा के वर्णनात्मक प्रारूप के अनुरूप होनी चाहिये।
  • निर्णय लेखन (Judgment Writing), अनुवाद तथा निबंध अनुभागों के लिये समर्पित समय आवंटित करें, और महत्त्वपूर्ण मामलों को नियमित रूप से संशोधित करें।
  • मॉक टेस्ट, दैनिक समसामयिक घटनाओं (Daily Current Affairs) का अध्ययन तथा परीक्षा समान परिस्थितियों में समयबद्ध अभ्यास, आपके प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार लाएगा।  

यह रणनीति न्यायिक सेवा परीक्षा की बहुस्तरीय प्रकृति को ध्यान में रखते हुए सैद्धांतिक ज्ञान, व्यावहारिक लेखन क्षमता एवं समग्र प्रस्तुतीकरण कौशल को सुदृढ़ करती है।



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