औषधियों में मिलावट
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आपराधिक कानून

औषधियों में मिलावट

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 08-May-2024

परिचय:

मिलावट शब्द को मूल औषधि को आंशिक रूप से या पूरी तरह से अन्य समान दिखने वाले पदार्थों के साथ प्रतिस्थापित करने के रूप में परिभाषित किया गया है। जो पदार्थ मिलाया जाता है, वह रासायनिक एवं उपचारात्मक गुण से मुक्त अथवा निम्न स्तरीय होता है।

औषधियों में मिलावट:

  • IPC की धारा 274 औषधियों में मिलावट से संबंधित है।
  • इसमें कहा गया है कि जो कोई भी किसी औषधि या चिकित्सकीय उत्पादन में इस तरह से मिलावट करता है कि ऐसी औषधि या चिकित्सकीय क्रिया की प्रभावशीलता कम हो जाए या उसका संचालन बदल जाए, या इसे हानिप्रद बना दे, इस आशय से कि इसे विक्रय किया जाएगा या प्रयोग किया जाएगा, या यह जानते हुए भी यह संभावना है कि इसे किसी औषधीय प्रयोजन के लिये  विक्रय किया जाएगा या प्रयोग किया जाएगा, जैसे कि इसमें ऐसी कोई मिलावट नहीं की गई है, तो छह महीने तक की जेल की सज़ा या एक हज़ार रुपए तक का ज़ुर्माना हो सकता है,या दोनों सज़ा हो सकती है।
  • मिलावट का अपराध असंज्ञेय, गैर-ज़मानती अपराध है, जिसका विचारण किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा किया जा सकता है।

मिलावटी औषधियों का विक्रय:

  • IPC की धारा 275 मिलावटी औषधियों के विक्रय से संबंधित है।
  • इसमें कहा गया है कि जो कोई भी किसी औषधि या चिकित्सकीय उत्पादन में इस तरह से मिलावट करता है कि ऐसी औषधि या चिकित्सकीय उत्पाद की प्रभावशीलता कम हो जाए या उसका संचालन बदल जाए, या इसे हानिप्रद बना दे, इस आशय से कि इसे विक्रय किया जाएगा या प्रयोग किया जाएगा, या यह जानते हुए भी यह संभावना है कि इसे किसी औषधीय प्रयोजन के लिये  विक्रय किया जाएगा या प्रयोग किया जाएगा, जैसे कि इसमें ऐसी कोई मिलावट नहीं की गई है, तो छह महीने तक की जेल की सज़ा या एक हज़ार रुपए तक का ज़ुर्माना हो सकता है,या दोनों सजा हो सकती है।

एक अलग औषधि या उत्पाद के रूप में औषधि की बिक्री:

  • IPC की धारा 276, एक अलग औषधि या उत्पाद के रूप में औषधि की बिक्री से संबंधित है।
  • इसमें कहा गया है कि जो कोई किसी आशय के साथ किसी औषधि या चिकित्सकीय उत्पाद को एक अलग औषधि  या चिकित्सकीय उत्पाद के रूप में विक्रय करता है, या प्रस्तुत करता है या विक्रय के लिये रखता है, या औषधीय प्रयोजनों के लिये किसी औषधालय से निर्गत करता है, उसे एक अवधि के लिये कारावास की सज़ा दी जाएगी जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या ज़ुर्माना, जो एक हज़ार रुपए तक का हो सकता है, या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।