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कानूनी शब्दावली

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  • शुरुआत से।
यह संविदा आरंभ से ही शून्य है।
  • समाप्त होना, कमी/कटौती करना।
अधिनियम के प्रावधान का अब उपशमन हो चुका है ।
  • किसी व्यक्ति को बलपूर्वक या धोखे से किसी स्थान से जाने के लिये प्रेरित करना।
कार्यस्थल से वापिस आते समय क का अपहरण हो गया था।
  • किसी अपराध को करने के लिये उकसाना या प्रोत्साहित करना।
क ने ख को ग की हत्या करने के लिए दुष्प्रेरित किया ।
  • निलंबन की स्थिति।
कानून पक्षधर है कि संपत्ति प्रास्थगन में नहीं रहनी चाहिए ।
  • समाप्त करना।
गवर्नर जनरल विलियम बेंटिक के कार्यकाल के दौरान सतीप्रथा की पद्यति को उत्सादित कर दिया गया था।
  • छोटा करना, कम करना, संक्षिप्त करना।
वाक् स्वातंत्र्य के अधिकार को लोक नीति के आधार पर न्यून किया गया।
  • स्वीकार करने का तथ्य
प्रस्थापना को वचन में संपरिवर्तित करने के लिए प्रतिग्रहण आत्यंतिक और अविशेषित होनी चाहिए।
  • अपराध में सहयोगी।
दोषसिद्धि केवल इसलिये अवैध नहीं मानी जाएगी कि वह किसी सहअपराधी के असम्पुष्ट परिसाक्ष्य पर की गई है।
  • किसी व्यक्ति पर यह आरोप कि उसने कोई अपराध किया है।
अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग साबित किये गए।
  • एक व्यक्ति जिसके विरुद्ध यह आरोप लगाया गया है कि उसने कोई अपराध किया है।
अभियुक्त पर हत्या का आरोप लगाया गया।
  • मुकदमे के बाद किसी अपराध के आरोप से दोषमुक्त होना।
न्यायालय ने अभियुक्त को दोषमुक्त ठहराया क्योंकि अभियोजन पक्ष मामले को युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने में सक्षम नहीं रहा।
  • न्यायिक प्रमाण के रूप में स्वीकार्यता, स्वीकार्य होने की गुणवत्ता।
न्यायाधीश साक्ष्य की ग्राह्यता का निर्णय करते हैं।
  • किसी विवाद में किसी पक्ष द्वारा लगाए गए किसी तथ्य या आरोप की सत्यता के अस्तित्व की स्वैच्छिक स्वीकृति।
स्वीकृति वह अन्तर्विष्ट कथन है, जो किसी विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य के बारे में कोई अनुमान इंगित करता है।
  • किसी अपराधी को सज़ा के बदले में फटकार लगाना।
न्यायालय अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, 1958 की धरा 3 के अंतर्गत अपराधी को भर्त्सना के पश्चात् रिहा कर सकता है।
  • वह व्यक्ति जो न्यायालय के समक्ष पैरवी करने की योग्यता रखता हो ।
अधिवक्ता ने सत्र न्यायलय में जमानत की अर्जी दायर की।
  • भारत में राज्यों का सर्वोच्च विधि अधिकारी।
किसी व्यक्ति को महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त होने के लिए, उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के योग्य होना चाहिए।
  • सार्वजनिक स्थान पर किसी लड़ाई, बहस या हिंसक व्यवहार की घटना।
दंगे के अपराध से संबंधित दंड में एक मास तक का कारावास या सौ रुपये तक का जुर्माना दिया जा सकता है।
  • दो पक्षों के बीच एक संबंध जिसमें एक यानी अभिकर्त्ता, दिन-प्रतिदिन के लेनदेन में दूसरे अर्थात् मालिक, का प्रतिनिधित्व करता है।
अभिकरण के सृजन के लिये प्रतिफल की आवश्यकता नहीं होती है।
  • किसी दूसरे व्यक्ति के लिये कोई कार्य करने या तीसरे व्यक्ति के साथ व्यवहार में दूसरे का प्रतिनिधित्व करने के लिये नियोजित व्यक्ति।
अभिकर्त्ता मालिक द्वारा नियुक्त किया गया था।
  • जब दो व्यक्ति रक्त या दत्तक ग्रहण या पूर्ण रूप से पुरुषों के माध्यम से संबंधित हों
एक व्यक्ति को दूसरे का गोतर्ज कहा जाता है यदि दोनों रक्त या गोद लेने से पूरी तरह से पुरुषों के माध्यम से संबंधित है।
  • हर वादा और वादों का हर सेट, एक दूसरे के लिये विचार बनाते हुए, एक समझौता है।
वह करार जो विधिक रूप से प्रवर्तनीय न हो शून्य कहलाता है।
  • विदेशी।
भारत में निवास कर रहे अन्यदेशीय, केंद्रीय सरकार की अनुमति से वाद प्रस्तुत कर सकते हैं।
  • संशोधन या परिवर्तन.
भरणपोषण भत्ते में परिवर्तन दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 127 के अंतर्गत किया जा सकता है।
  • वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) न्यायालय कक्ष के बाहर विवादों को निपटाने के किसी भी साधन को संदर्भित करता है।
सुलह, वैकल्पिक विवाद समाधान का एक प्रकार है।
  • किसी चीज़ को जोड़कर, हटाकर या प्रतिस्थापित करके किया गया या प्रस्तावित कोई परिवर्तन।
संविधान में संशोधन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 के अंतर्गत किया जा सकता है।
  • वह जिससे किसी व्यक्ति की वंशानुगति हुई हो।
पिता की ओर से 5 डिग्री तक के पूर्वजों का वंश सपिंड संबंध के अंतर्गत आता है।
  • सहायक, संबंधित और पूरक।
आनुषंगिक स्वास्थ्य सुविधाएँ एक माह के लिये उपलब्ध नहीं रहेंगी।
  • गिरफ्तार करने से पहले ही न्यायालय द्वारा जमानत
अग्रिम जमानत केवल सत्र न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा ही दी जा सकती है।
  • किसी निचली अदालत के फैसले को पलटने या संशोधित करने के लिये किसी उच्चतर अदालत या प्राधिकारी के समक्ष की गई कार्यवाही।
दीवानी मामलों में केवल विधि के कोई सारवान प्रश्न पर द्वितीय अपील उच्च न्यायालय में की जा सकती है।
  • औपचारिक रूप से प्रस्तुत होने की क्रिया।
पक्षकार के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष उपसंजाति की।
  • समुचित सरकार या तो केंद्र सरकार या राज्य सरकार को संदर्भित करती है।
समुचित सरकार मृत्युदंड का लघुकरण कर सकती है।
  • मध्यस्थों द्वारा विवादित मामले का निर्णय। (माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996)
पक्षकारों ने अनुबंध में मध्यस्तथा का खंड जोड़ा ।
  • वह राशि जो भुगतान न की गई हो।
किराये के बकाया का भुगतान नहीं किया गया था ।
  • शत्रुतापूर्ण इरादे से शुरुआत
भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत केवल शब्द हमले की कोटि में सम्मिलित नहीं होते है।
  • निष्पादन के उद्देश्य से न्यायालय द्वारा कुर्क की गई संपत्ति।
न्यायालय ने कुर्क संपत्ति के विक्रय का आदेश दिया।
  • किसी संपत्ति को ज़ब्त करने की क्रिया।
न्यायालय ने क की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया।
  • भारत का महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधिक सलाहकार होता है।
किसी व्यक्ति को भारत के महान्यायवादी के रूप में नियुक्त होने के लिए, सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के योग्य होना चाहिए।
  • वह निकाय जिसे कुछ करने का अधिकार या शक्ति सौंपी गई हो।
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अपनी मलिन बस्ती पुनर्वास नीति में संशोधन किया।
  • मुकदमे के लिये उपस्थित होने हेतु ज़मानत या सुरक्षा प्रस्तुत करने पर कारावास से अस्थायी रिहाई।
न्यायलय ने जमानतीय अपराध के अभियुक्त को जमानत दी।
  • उपनिधान में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को किसी प्रयोजन हेतु माल का प्रदान करना होता है इससे संबंधित शर्त विवक्षित अथवा अभिव्यक्त होती है। उक्त प्रायोजन के पूरा होने पर वह माल प्रदान करने वाले व्यक्ति को वापस कर दिया जाएगा अथवा परिदत करने वाले व्यक्ति के निर्देश अनुसार किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया जाएगा।
उपनिधान में वास्तविक एवं आन्वयिक परिदान किया जा सकता है।
  • पक्षों के मामले के सापेक्ष गुण और पक्षों को हुए नुकसान की गणना।
अस्थायी व्यादेश के अनुदान के लिये सुविधा की दृष्टि वादी के पक्ष में होनी चाहिये।
  • भीख मांगने का कार्य।
उत्तर प्रदेश भिक्षावृति विरोधी कानून की धारा 9 के अंतर्गत पुलिस याचक की गिरफ़्तारी कर सकती है।
  • ट्रस्टी के रूप में सेवा किये बिना, स्वयं के लिये व्यक्तिगत लाभ।
सुखाधिकार मालिक का एक ऐसा अधिकार है जिससे वह भूमि का लाभप्रद उपभोग कर सके।
  • सद्भावना में
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 81 के अंतर्गत आने के लिए कृत्य सद्भावपूर्वक किया जाना चाहिये।
  • एक औपचारिक लिखित समझौता जिसके द्वारा कोई व्यक्ति एक निश्चित कार्य करने का वचन देता है।
न्यायलय अवयस्क के बदले केवल एक प्रतिभूति से बंधपत्र स्वीकार कर सकता है।
  • जब किसी कार्य को करना विधिक कर्तव्य हो।
क, ग का ऋण चुकाने के लिये विधि द्वारा आबद्ध नहीं था।
  • किसी समझौते को पूरा न करने, वचन तोड़ने या किसी अन्य तरीके से किसी के प्रति अपने कर्तव्य का उल्लंघन करने का कार्य।
किसी न्यासी द्वारा, उसकी शक्तियों से बाहर या न्यास के भंग में की गई संविदा, विनिर्दिष्टतः प्रवर्तित नहीं कराई जा सकती ।
  • अनुबंध का उल्लंघन तब होता है जब अनुबंध का कोई पक्ष अपने वादे किये गए दायित्वों को पूरा करने में विफल रहता है।
न्यायालय संविदा भंग द्वारा करित हानि या क्षति के लिए प्रतिकर प्रदान कर सकती है।
  • रिश्वत की पेशकश और स्वीकृति।
वह व्यक्ति जो रिश्वत अभिग्रहित करता है या अभिग्रहित करने की सहमति देता है वह रिश्वत लेने की परिधि में आता है।
  • किसी विशेष अवधि में धनराशि कैसे खर्च की जाए इसकी एक योजना।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 के अंतर्गत बजट (वित्तीय विवरण) के प्रावधानों का विवरण दिया गया है ।
  • किसी लिखित दस्तावेज़ का निरस्तीकरण।
न्यायालय लिखत को आंशिक रूप से रद्द कर सकती है।
  • किसी का चित्र या वर्णन जो उसके रूप-रंग या व्यवहार को वास्तव में उससे भी अधिक विचित्र बनाता है और अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करता है।
उपहासांकन दस्तावेज है।
  • अप्रत्यक्ष प्रकृति के साक्ष्य।
पारिस्थितिक साक्ष्य सम्यक सतर्कता के साथ स्वीकृत किये जाने चाहियें।
  • किसी देश के नागरिक की स्थिति।
भारत अपने नागरिकों को एकल नागरिकता की अनुमति देता है ।
  • किसी दूसरे पर शारीरिक या नैतिक रूप से ऐसा बल लगाना जिससे उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध कुछ ऐसा करने के लिये बाध्य किया जा सके जो वह अन्यथा नहीं करता।
संविदा करते समय यदि सम्मति प्रपीड़न से कारित है, ऐसी संविदा शून्यकरणीय है।
  • जब दो व्यक्ति रक्त या दत्तक ग्रहण के माध्यम से संबंधित होते हैं लेकिन पूरी तरह से पुरुषों के माध्यम से नहीं
एक व्यक्ति को दूसरे का बन्धु कहा जाता है यदि दोनों रक्त या गोद लेने से संबंधित हैं लेकिन पूरी तरह से पुरुषों के माध्यम से नहीं है।
  • जब पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकते हैं।
चोरी एक संज्ञेय अपराध है।
  • किसी मामले की सुनवाई और विचारण का क्षेत्राधिकार।
एक मजिस्ट्रेट पुलिस रिपोर्ट पर अपराध का संज्ञान ले सकता है।
  • वाणिज्य से जुड़ा या संबंधित।
सिविल प्रक्रिया संहिता को वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम 2015 के अनुसार संशोधित किया गया।
  • सामान्य आशय- सभी संबंधित पक्षों द्वारा साझा किया गया एक आशय
सामान्य आशय भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अंतर्गत दंडनीय है।
  • सभी संबंधित पक्षों द्वारा साझा किया गया कोई उद्देश्य।
सामान्य उद्देश्य भारतीय दंड संहिता की धारा 149 के अंतर्गत दंडनीय है।
  • अधिक सजा के लिये कम सजा की प्रतिस्थापना।
मृत्यु दंडादेश का लघुकरण भारतीय दंड संहिता की धरा 54 के अंतर्गत दिया है।
  • वह पक्ष जो कानूनी कार्रवाई या कार्यवाही में शिकायत करता है।
मजिस्ट्रेट शपथ पर परिवादी की परीक्षा कर सकता है।
  • कानून की अदालत में एक औपचारिक आरोप
आपराधिक परिवाद पर मजिस्ट्रेट दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 190 के अंतर्गत संज्ञान ले सकता है।
  • छुपाने की क्रिया
मृत शरीर के गुप्त व्ययन द्वारा जन्म छिपाना भारतीय दंड संहिता की धारा 318 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
  • जब इस अधिनियम द्वारा एक तथ्य को दूसरे तथ्य का निर्णायक साक्ष्य घोषित किया जाता है, तो न्यायालय एक तथ्य के सिद्ध होने पर दूसरे तथ्य को सिद्ध मानेगा और उसे गलत सिद्ध करने के उद्देश्य से साक्ष्य देने की अनुमति नहीं देगा।
विवाह, पितृत्व का निश्चायक साक्ष्य है जब तक यह सिद्ध ना किया जा सके कि विवाह के पक्षकारों के बीच ऐसे समय पर परस्पर पहुँच नहीं थी।
  • समवर्ती एक ही समय या स्थान से संबंधित।
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 31 के अंतर्गत यदि अभियुक्त को एक से ज़्यादा अपराध के लिए दोषसिद्ध किया जाता है , उस स्तिथि में दंडादेश समवर्ती चलेंगे।
  • समवर्ती सूची में संघ और राज्य दोनों के सामान्य हित के विषय शामिल हैं।
दंड विधि समवर्ती सूची की विषय वस्तु है।
  • एक आदेश जिसमें कोई शर्त भी शामिल हो
ज़िला मजिस्ट्रेट, उपखण्ड मजिस्ट्रेट या कोई अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सशर्त आदेश पारित कर सकते हैं।
  • क्षमा करना।
न्यायालय ने विलम्ब का उपमर्षण किया।
  • किसी व्यक्ति द्वारा अपराध स्वीकार करने की क्रिया।
पुलिस को दी गयी संस्वीकृति अभियुक्त के विरुद्ध सिद्ध नहीं की जा सकती।
  • इच्छा की सहमति।
पक्षकार की सम्मति कपटपूर्वक ली गई थी।
  • कुछ ऐसा जो किसी घटना के परिणामस्वरूप या फलस्वरूप घटित होता है।
एक विधिविरुद्ध कार्य के हमेशा प्रतिकूल परिणाम होते हैं।
  • विशेष रूप से किसी गैरकानूनी या हानिकारक उद्देश्य के लिये गुप्त रूप से योजना बनाना और एक साथ कार्य करना।
क और ख ने ग की हत्या के लिये षड्यंत्र रचा।
  • संविधान की व्याख्या के संबंध में विधि के महत्पूत्र्णव प्रश्न से जुड़े किसी भी मामले का निर्णय कम-से-कम पाँच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा किया जाना चाहिये। ऐसी पीठ को संविधान पीठ कहा जाता है।
संविधान पीठ से संबंधित प्रावधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 145(3) में प्रदान किया गया है।
  • वह जिसका चरित्र उसकी अपनी प्रकृति के लिये निर्दिष्ट नहीं है, लेकिन जिस तरह से उसे कानून के नियम या नीति द्वारा माना जाता है, उसके परिणामस्वरूप ऐसा चरित्र प्राप्त होता है।
आन्वयिक पूर्व न्याय सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 11 के स्पष्टीकरण 4 के अंतर्गत दिया है।
  • वह जो किसी चीज़ के भीतर समाहित हो।
दस्तावेज़ की अंतर्वस्तु प्राथमिक अथवा द्वितीयक साक्ष्य के द्वारा की जा सकती है।
  • संभावित हो, लेकिन आश्वस्त नहीं; किसी भविष्य की घटना के घटित होने पर आधारित जो स्वयं अनिश्चित या संदिग्ध हो।
समाश्रित करार, जो किसी असम्भव घटना के घटित होने पर ही कोई बात करने या न करने के लिए हों, शून्य हैं।
  • एक ऐसा हित जिसका लाभ धारक किसी पूर्ववर्ती शर्त के घटित होने पर ही उठा सकता है।
समाश्रित हित तब निहित हित बनता है जब पुरोभाव्य शर्त पूरी होती है।
  • कानून द्वारा प्रवर्तनीय समझौता।
पक्षकारों के बीच की गयी संविदा अवैध थी।
  • एक व्यक्ति को किसी अपराध का दोषी पाना।
क को हत्या केअपराध में सिद्धदोष करार दिया।
  • एकमात्र व्यक्ति होने का कानूनी अधिकार जो किसी पुस्तक, गीत या कंप्यूटर प्रोग्राम जैसे मूल कार्य को प्रिंट, कॉपी, प्रदर्शन आदि कर सकता है।
प्रतिलिप्यधिकार सुरक्षा, लेखक के पूरे जीवनकाल की अवधि तक तथा लेखक की मृत्यु के 60 वर्ष बाद तक प्रदान की जाती है।
  • भारत की द्विसदनीय संसद का ऊपरी सदन।
भारत के उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति होते हैं।
  • धोखा देने के इरादे से नकल करना।
क को सिक्कों के कूटकरण के लिये दण्डित किया गया।
  • शब्द "न्यायालय" एक न्यायाधीश को दर्शाता है जो विधि द्वारा अकेले न्यायिक रूप से कार्य करने के लिये सशक्त है, या न्यायाधीशों के एक निकाय को दर्शाता है जो विधि द्वारा एक निकाय के रूप में न्यायिक रूप से कार्य करने के लिये सशक्त है, जब ऐसा न्यायाधीश या न्यायाधीशों का निकाय न्यायिक रूप से कार्य कर रहा हो।
मद्रास संहिता 1816 के विनियम 7 के आधीन कार्य करने वाली पंचायत जिसे वादों का विचारण करने और अवधारण करने की शक्ति प्राप्त है, न्यायालय है।
  • सत्र न्यायालय किसी जिले का सर्वोच्च आपराधिक न्यायालय है और गंभीर अपराधों की सुनवाई के लिए प्रथम दृष्टया न्यायालय है।
उच्च न्यायालय की पुष्टि के अधीन सत्र न्यायालय मृत्युदंड दे सकते हैं।
  • दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच एक या अधिक कार्य या चीजें करने के लिये किया गया समझौता।
बहुत सी अंतराष्ट्रीय प्रसंविदाओं में मानवीय अधिकारों की अवधारणाओं का उल्लेख है।
  • वह व्यक्ति जिसके ऋण पर किसी अन्य व्यक्ति (देनदार) का स्वामित्व है।
प्रत्याभूति की संविदा में जिस व्यक्ति को प्रत्याभूति दी जाती है वह लेनदार कहलाता है।
  • विरोधी पक्ष द्वारा गवाह की परीक्षा।
सूचक प्रश्न प्रतिपरीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
  • पूर्वव्यापी कानून द्वारा परिभाषित परिस्थितियों में किसी व्यक्ति की हत्या करने का अपराध, हत्या की श्रेणी में नहीं आता है।
आपराधिक मानव वध के अपराध के लिए दण्ड भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 के अंतर्गत दिया है।
  • किसी व्यक्ति/वस्तु की देखभाल करने या रखने का कानूनी अधिकार या कर्तव्य।
हिन्दू विवाह अधिनियम,1955 की धारा 26 संतान की अभिरक्षा के विषय में बताती है।
  • 5 लोगों के समूह द्वारा की गई लूट।
डकैती का अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 395 के अंतर्गत दंडनीय है I
  • उच्चस्थ द्वारा अपने नियंत्रण के अधीन कतिपय कार्य एवं उत्तरदायित्व अपने अधीनस्थों को सौंपना
प्रत्यायोजित विधान प्रशासनिक न्याय का एक अभिन्न अंग है।
  • शपथ लेकर गवाही देना या प्रमाणित करना (सबूत आदि)।
साक्षी ने न्यायलय में परिसाक्ष्य का अभिसाक्ष्य दिया।
  • अपमानित करने की क्रिया, निरादर।
संविदा की शर्तों का अल्पीकरण नहीं किया जा सकता।
  • हिरासत में लेने की प्रक्रिया; कारावास या हिरासत में रखना।
धन की डिक्री के निष्पादन में महिलाओं की गिरफ़्तारी या निरोध नहीं किया जाएगा।
  • किसी दायित्व से मुक्त होने की क्रिया।
न्यायालय विचरण आरंभ होने से पहले अभियुक्त को उन्मोचित कर सकता है।
  • विचारशीलता/विवेक से संबंधित
न्यायलय ने अपनी वैवेकिक शक्तिओं का प्रयोग किया।
  • भरोसे या विश्वास के लायक नहीं
क ने ख से बेईमानी से पैसे लेने की कोशिश की।
  • पद के ह्रास का कार्य
क के पदच्युत होने का समाचार उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप परिसिद्ध होने के बाद आया।
  • मान्यता देने से इंकार करना।
क को उसके माता-पिता की संपत्ति से अनंगीकृत कर दिया गया।
  • अलग होना और भिन्न-भिन्न दिशाओं में जाना।
विधिविरुद्ध जमाव को तितर बितर होने का आदेश दिया गया।
  • ऐसी स्थिति या तथ्य जिसका अर्थ है कि किसी को किसी चीज़ में भाग लेने की अनुमति नहीं है या वह सक्षम नहीं है।
संसद की सदस्यता से निरर्हता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 के अंतर्गत दिया है।
  • ज़िला न्यायालय ज़िले में उत्पन्न होने वाले नागरिक और आपराधिक मामलों में मूल पक्ष एवं अपीलीय पक्ष दोनों पर क्षेत्राधिकार का प्रयोग करता है।
दाम्पत्य अधिकारों का प्रत्यास्थापन की अर्जी जिला न्यायालय में दायर की जा सकती है।
  • किसी को शक्ति, अधिकार या संपत्ति से वंचित करना।
दत्तक अपत्य किसी व्यक्ति को उस संपदा से निर्निहित नहीं करेगा जो उस व्यक्ति में दत्तक के पूर्व निहित हो गई है।
  • दो न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन।
गुजरात हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मृत्युदंड पारित किया।
  • विधिक तरीके से विवाह अंत।
पारस्परिक सम्मति से विवाह विच्छेद हिन्दू विवाह अधिनियम,1955 की धारा 13-बी के अंतर्गत लिया जा सकता है।
  • वे दस्तावेज़ जिन्हें साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
दस्तावेज की अंतर्वस्तु केवल दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा साबित की जा सकती है।
  • वह स्थान जहाँ किसी का स्थायी निवास है, व्यक्ति भले ही वहाँ न रहता हो लेकिन वापस लौटने का इरादा रखता हो।
जिस राज्य में व्यक्ति स्थायी रूप से निवास करता है वह उसका अधिवास माना जाता है।
  • मृत्यु के समय किसी व्यक्ति द्वारा निजी संपत्ति का उपहार।
एक व्यक्ति जो मर्ज़ से पीड़ित है और मृत्यु की आशंका के अधीन है, आसन्नमरण दान कर सकता है।
  • वह जिसे उपहार/दान दिया गया हो।
यदि दान प्रतिग्रहण करने से पहले आदाता की मृत्यु हो जाती है, तो दान शून्य हो जाता है।
  • वह जो उपहार/दान देता हो।
दान, दाता के जीवन काल की अवधि में ही प्रतिग्रहित किया जा सकता है।
  • मेहर पति द्वारा अपनी पत्नी को दी गई जमानत/सिक्योरिटी है ताकि वह तलाक या पति की मृत्यु के बाद अपना भरण-पोषण कर सके।
मेहर मुस्लिम विवाह का एक आवश्यक तत्त्व है।
  • दहेज मृत्यु, पति या उसके परिवार द्वारा दहेज की मांग के संबंध में अप्राकृतिक परिस्थितियों में विवाह के 7 साल के भीतर एक महिला की मृत्यु से संबंधित है।
दहेज मृत्यु के अपराध के लिये, महिला की मृत्यु विवाह से 7 वर्ष की अवधि के भीतर होनी चाहिये।
  • सुविधाधिकार किसी दूसरे की वास्तविक संपत्ति पर कब्ज़ा किये बिना उसका उपयोग करने और/या उसमें प्रवेश करने का एक गैर-स्वामित्व अधिकार है।
A की भूमि पर A के घर से संलग्न मार्ग का अधिकार एक विच्छेदित सुविधाधिकार है।
  • परिस्थितियों का अप्रत्याशित संयोजन या परिणामी स्थिति जिसके लिये तत्काल कार्रवाई आवश्यकता होती है।
राष्ट्रीय आपातकाल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत लागू किया जा सकता है।
  • अतिक्रमण करने की क्रिया अर्थात् अतिचार करना
हरित पट्टी पर अतिक्रमण से आसपास के गांवों को क्षति पहुंचेगी।
  • ख़तरे में डालना।
सार्वजनिक मार्ग पर गाड़ी चलाना जिससे मानव जीवन का संकटापन्न हो एक दंडनीय अपराध है।
  • किसी गैर-लाभकारी संगठन को धन या संपत्ति का दान, जो परिणामी निवेश आय का उपयोग किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिये करता है।
क पाठशाला को प्रतिवर्ष विन्यास दान करता है।
  • अनुपालन हेतु बाध्य करना।
कानून को प्रवर्तित करना पुलिस का कर्त्तव्य है।
  • कुछ करने या कुछ पाने का कानूनी अधिकार
विनिर्दिष्ट स्थावर सम्पत्ति के कब्जे का हकदार कोई व्यक्ति, सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 द्वारा उपबंधित रीति में उसे प्रत्युद्धरित कर सकेगा ।
  • वह संपत्ति जिसमें किसी का अधिकार या हित निहित हो।
मालिक की मृत्यु के बाद सम्पदा वारिस को मिल गयी ।
  • किसी व्यक्ति के कष्ट को दूर करने के लिये जानबूझकर उसके जीवन को समाप्त करने की क्रिया।
भारत में सक्रिय सहजमृत्यु का प्रावधान अवैध है।
  • किसी एक पक्ष के संबंध में या उसके हित में।
क न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुआ और न्यायालय ने एकपक्षीय आदेश पारित किया ।
  • उस पक्ष द्वारा गवाह की परीक्षा जिसने उसे बुलाया हो।
यदि विरोधी पक्षकार द्वारा आक्षेप किया जाता है तो सूचक प्रश्न मुख्य परीक्षा में नहीं पूछे जाने चाहिये।
  • किसी वस्तु या व्यक्ति का बहिष्कार।
भारतीय दंड संहिता में दी गई परिभाषाएँ उसमें दिये गए अपवादों को ध्यान में रखते हुए पढ़ी जानी चाहिये।
  • क्रियान्वित करने या लागू करने की क्रिया।
डिक्री पारित करने वाला न्यायालय, डिक्री का निष्पादन कर सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति की राय जिसने किसी विषय का विशेष अध्ययन किया हो या उसमें विशेष अनुभव प्राप्त किया हो।
विशेषज्ञ की राय भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत एक सुसंगत तथ्य है।
  • बलपूर्वक या अधिकार अथवा शक्ति के अनुचित प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति से कुछ भी, विशेष रूप से धन, वसूलने की क्रिया या अभ्यास।
उद्दापन के अपराध से संबंधित प्रावधान भारतीय दण्ड संहिता की धारा 383 - 389 में दिये हैं।
  • नकल करना।
मिथ्या साक्ष्य गढ़ना भारतीय दंड संहिता की धारा 192 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है।
  • असत्य साक्ष्य
न्यायालय में मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत करना एक दंडनीय अपराध है।
  • ज़ब्त करने की क्रिया (ज़ब्त करना - किसी अपराध या किसी शर्त के उल्लंघन के परिणामस्वरूप अधिकार खोना या किसी चीज़ से वंचित होने के लिये उत्तरदायी होना।)
क अपना ऋण नहीं चुका सका अतः उसकी संपत्ति का समपहरण किया गया।
  • अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिये गलत प्रतिनिधित्व का उपयोग करना।
यदि व्यक्ति का बोलने का कर्तव्य है और वह चुप रहता है, ऐसी स्थिति में चुप रहना कपट के अंतर्गत आएगा।
  • अनुचित या गैरकानूनी लाभ प्राप्त करने के लिये या पीड़ित को कानूनी अधिकार से वंचित करने के लिये जानबूझकर किया गया कपट।
कोई व्यक्ति किसी बात को कपटपूर्वक करता है, यह कहा जाता है, यदि वह उस बात को कपट करने के आशय से करता है, किन्तु अन्यथा नहीं।
  • सम्मत्ति स्वतंत्र तब मानी जाती है जब यह प्रपीड़न, असम्यक् असर, कपट, दुर्व्यपदेशन और भूल से प्रेरित न हो।
स्वतंत्र सम्मत्ति की परिभाषा भारतीय संविदा अधिनियम 1872 की धारा 14 के अंतर्गत दी गयी है।
  • किसी मौजूदा चल या अचल संपत्ति का एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को स्वेच्छा से या धन अथवा धन के मूल्य पर विचार किये बिना किया गया हस्तांतरण।
दान प्रतिफल के बिना किया जाने वाला संपत्ति अंतरण है।
  • वह मानसिक अवस्था जो उद्देश्य के प्रति ईमानदारी और वैधता को दर्शाती है।
सद्भावपूर्वक की गयी संसूचना से यदि किसी व्यक्ति को हानि पहुंचती है तो यह एक अपराध नहीं है।
  • भारत संघ के प्रत्येक राज्य का कार्यकारी प्रमुख।
राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • मूल्य अथवा कानूनी प्रतिफल के बिना।
क ने ख के पक्ष में संपत्ति का आनुग्रहिक अंतरण किया।
  • सुरक्षा प्राप्त करने या गारंटी देने की क्रिया।
प्रत्याभूति की संविदा मौखिक अथवा लिखित हो सकती है।
  • वह जिसके पास किसी अवयस्क या मूर्ख के व्यक्ति या संपत्ति की अभिरक्षा हो या वह इसकी अभिरक्षा का हकदार हो।
न्यायालय संरक्षक और वार्ड अधिनियम, 1890 के अंतर्गत, अवयस्क का संरक्षक नियुक्त कर सकता है।
  • योग्य सजा और नैतिक परिवीक्षा से संबंधित इरादा।
अभियुक्त का कृत्य करते समय दूषित आशय था।
  • ऐसा व्यक्ति जो निरंतर बेईमान और आपराधिक जीवन जी रहा हो।
चोरों को आभ्यासिक रूप से संश्रय देने वाला व्यक्ति आभ्यासिक अपराधी कहलाता है।
  • आश्रय देना
विधिविरुद्ध जमाव के लिये भाड़े पर लाए गए व्यक्तिओं को संश्रय देना एक दंडनीय अपराध है।
  • राज्यों में सर्वोच्च न्यायालय।
वर्तमान में भारत में 25 उच्च न्यायालय हैं।
  • ऐसा व्यक्ति जिसके पास वैध शीर्षक हो।
धारक' से कोई भी ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो स्वयं अपने नाम से उस पर कब्जा रखने का हकदार है ।
  • भारत की द्विसदनीय संसद का निचला सदन।
धन विधेयक को केवल लोक सभा में प्रस्तुत किया जा सकता है।
  • जो कि विधि के विपरीत है
उन सीमा शुल्क अधिकारीयों ने अवैध माल को जब्त किया और कई कर्मीदल के लोगों को गिरफ्तार किया|
  • विधिपूर्ण संतान के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं
जब तक कि कोई धर्मज या अधर्मज अपत्य अप्राप्तवय रहे वह अपने पिता या माता से भरणपोषण पाने के लिए दावा कर सकेगा।
  • महाभियोग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक विधायी निकाय या अन्य विधिक रूप से गठित अधिकरण एक सरकारी पदाधिकारी के खिलाफ आरोप शुरू करता है।
माननीय राष्ट्रपति पर महाभियोग, संविधान के उलंघन के आधार पर किया जा सकता है।
  • व्यक्त शब्दों से नहीं बल्कि तार्किक अनुमान से संकेत मिलता है।
जहाँ स्वीकृति शब्दों के अलावा अन्यथा की जाती है वह विवक्षित वचन कहलाता है।
  • आधिकारिक तौर पर लागू करना।
क पर भारी जुर्माना अधिरोपित किया गया।
  • किसी इकाई या निगम के निर्माण की विधिक प्रक्रिया।
कोई भी कम्पनी या संगम, या व्यक्ति निकाय चाहे वह निगमित हो या नहीं, व्यक्ति शब्द के अन्तर्गत आता है।
  • चोट, हानि या क्षति के विरुद्ध संरक्षण या सुरक्षा।
सरकार ने करदाताओं को किसी हानि के विरुद्ध क्षतिपूर्ति की सहमति दी।
  • वह जो प्रेरित करता हो, कोई आकर्षक चीज़ जिसके द्वारा कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिये प्रेरित होता है।
उत्प्रेरणा के कारण की गयी संस्वीकृति भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत अप्रासंगिक है।
  • किसी कार्रवाई का आदेश देने या रोकने वाला न्यायालय का आदेश।
न्यायालय ने अस्थायी व्यादेश के लिये आदेश पारित किया।
  • किसी दूसरे के व्यक्ति, प्रतिष्ठा या संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन जिसके लिये कानून में कार्रवाई निहित है।
विधि के अंतर्गत क्षति व्यक्ति के शरीर, मन, ख्याति या संपत्ति को पहुंचाई जा सकती है ।
  • व्यावहारिक बल के बिना।
एकअप्रवर्तनीय विधि निष्प्रभाव होती है।
  • इसका अर्थ मुकदमे के अलावा किसी मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा इस संहिता के तहत की जाने वाली हर जाँच है।
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 176 में मृत्यु के परिपेक्ष में मजिस्ट्रेट द्वारा जांच का प्रावधान है।
  • मस्तिष्क रोग, पागलपन, मानसिक विक्षिप्तता के परिणामस्वरूप मन की अस्वस्थता।
यदि विधिक उन्मत्त्त्ता सिद्ध हो जाती है तो ऐसे व्यक्ति को विधि के अधीन सिद्धदोष नहीं ठहराया जा सकता।
  • न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने का तथ्य
वादों की संस्थति वादपत्र को प्रस्तुत करके की जाएगी।
  • किसी तीसरे पक्ष द्वारा धारित संपत्ति के दावे या अधिकार के मामले को निर्धारित करने के लिये दो पक्षों के बीच दायर किया गया मुकदमा।
अंतराभिवाची वाद की प्रक्रिया सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 35 के अंतर्गत आती है।
  • जीवित व्यक्तियों के बीच।
विक्रय द्वारा संपत्ति का हस्तांतरण जीवाभ्यंतर (जीवित लोगों के मध्य) किया जा सकता है।
  • एक पदार्थ जो सुख, प्रसन्नता और नियंत्रण की कमी की मिथ्या भावना उत्पन्न करता है।
मादक पदार्थों का सेवन नहीं किया जाना चाहिए ।
  • इस संहिता के तहत सभी साक्ष्य संग्रहण गतिविधियाँ, स्वयं मजिस्ट्रेट को छोड़कर, एक पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा की जाती हैं।
पुलिस द्वारा विस्तृत अन्वेषण आरंभ किया गया।
  • भारत के राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों की सामूहिक बैठक बुलाई जाती है जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
संयुक्त बैठक का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 108 के अंतर्गत दिया गया है।
  • ऐसा व्यक्ति जिसे न्यायालय में किसी भी कारण या प्रश्न को निर्धारित करने का अधिकार प्रदान किया गया हो।
सहायक सत्र न्यायाधीश 10 साल से अधिक कारावास का दंडादेश नहीं पारित कर सकते।
  • न्यायालय के आदेश के तहत पति या पत्नी का अलगाव जो सहवास को समाप्त करता है लेकिन विवाह को नहीं।
न्यायालय हिन्दू विवाह अधिनिनयम, 1955 की धारा 10 के अंतर्गत न्यायिक पृथक्करण की डिक्री पारित कर सकता है।
  • न्यायालय का किसी भी न्यायिक कार्यवाही पर विचार करने और निर्णय लेने का अधिकार या शक्ति।
हत्या के मामलों का विचारण सत्र न्यायलय की अधिकारिता में है।
  • व्यक्तियों का एक निकाय, निगम, साझेदारी या अन्य कानूनी इकाई जिसे कानून द्वारा अधिकारों और कर्तव्यों के विषय के रूप में मान्यता प्राप्त है। कृत्रिम व्यक्ति भी कहा जाता है।
भगवान की प्रतिमा को विधिक व्यक्ति माना जाता है।
  • किसी कार्य के लिये कानूनी औचित्य होना।
एक प्राइवेट व्यक्ति उद्घोषित अपराधी की गिरफ़्तारी करने के लिये विधि द्वारा न्यायानुमत है।
  • एक किशोर अठारह वर्ष से कम आयु का बालक होता है।
इस अिधिनयम का संक्षिप्त नाम किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अिधिनयम, 2015 है।
  • किसी व्यक्ति को बलपूर्वक या धोखे से चुराने, अपहरण करने या ले जाने का कार्य।
व्यपहरण के दो प्रकार हैं - भारत से व्यपहरण और विधिपूर्ण संरक्षता से व्यपहरण।
  • कानून/विधि द्वारा अनुमत।
हर एक व्यक्ति को विधिपूर्ण व्यव्हार करना चाहिए।
  • एक प्रश्न जो उत्तर का सुझाव देता है जिसे लिखने वाला व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है या प्राप्त करने की अपेक्षा करता है।
सूचक प्रश्न प्रतिपरीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
  • भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक विधायी निकाय।
दिल्ली की विधान सभा 70 सदस्यों से संगठित हैं।
  • विधान परिषद राज्य विधानमंडल का उच्च सदन होता है।
वर्तमान में भारत में केवल छह राज्यों में विधान परिषद है।
  • एक वैध संतान होने का गुण।
हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 16 शून्य एवं शून्यकरणीय विवाह से उत्तपन्न संतान के धर्मजत्व होने की जानकारी देता है।
  • विधिपूर्वक उत्पन्न हुआ।
शून्य विवाह से उत्पन्न संतान विधिसम्मत होती है।
  • कुछ करने, भुगतान करने या अच्छा करने के लिये विधि या न्याय में सीमित या बाध्य होने की अवस्था; विधिक ज़िम्मेदारी।
सह-प्रतिभू समानतः अभिदाय करने के दायी होते हैं।
  • किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति पर तब तक कब्ज़ा बनाए रखने का अधिकार जब तक उस व्यक्ति का कर्ज़ चुका न दिया जाए।
क का संपत्ति पर धारणाधिकार है।
  • एक ऐसा हित जो जीवन की समाप्ति पर समाप्त होता है।
क ने अपनी संपदा में ख के आजीवन हित का सृजन किया।
  • भरण-पोषण या सहायता भत्ता।
न्यायालय ने पति द्वारा, पत्नी को भरणपोषण देने का आदेश दिया।
  • कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान न्यायालय द्वारा प्रदान किया गया भरण-पोषण।
पति एवं पत्नी में से कोई भी वादकालीन भरण पोषण की याचिका दायर कर सकता है।
  • जिसने वयस्कता की आयु प्राप्त कर ली है अर्थात वह आयु जिस पर वह अपने मामलों को संवाहित करने के लिये विधिक रूप से सक्षम हो जाता है।
विवाह के अवरोध में एक व्यस्क से किया गया अनुबंध शून्य होता है ।
  • द्वेष से संबंधित (द्वेष - जानबूझकर कोई गलत कार्य करना)।
पक्षकार का विद्वेषपूर्ण आशय सिद्ध हुआ।
  • वह समय जब विनिमय विधेयक या वचन पत्र देय हो जाता है।
वचन-पत्र या विनिमय-पत्र की परिपक्वता उस तारीख को होती है जिसको वह शोध्य हो जाता है ।
  • जब भी यह अधिनियम न्यायालय को किसी तथ्य को मानने का अधिकार देता है, तो उसे या तो तथ्य के प्रमाण की आवश्यकता हो सकती है या इसे सिद्ध मान सकते हैं, जब तक कि इसका खंडन न किया जाए
न्यायलय यह उपधारणा कर सकेगा कि विदेशी न्यायिक अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां असली हैं।
  • CrPC के अनुसार इसका अर्थ ऐसे शहर या कस्बे से है जिसकी आबादी दस लाख से ज्यादा हो।
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 8 महानगर क्षेत्र की व्याख्या करती है।
  • एक व्यक्ति जो वयस्क न हो।
अवयस्क के साथ की गयी संविदा शून्य होती है।
  • किसी व्यक्ति या संपत्ति को गलत तरीके से हुई हानि या क्षति।
रिष्टि के अपराध से संबंधित प्रावधान भारतीय दण्ड संहिता की धारा 425 - 440 तक दिये हैं।
  • ऐसा कथन या आचरण जो झूठा या गलत प्रभाव डालता हो।
संविदा करते समय यदि सम्मति दुर्व्यपदेशन से कारित है, ऐसी संविदा शून्यकरणीय है।
  • धन विधेयक कराधान, सार्वजनिक व्यय आदि जैसे वित्तीय मामलों से संबंधित होते है और इन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 में परिभाषित किया गया है।
वित्त विधेयक, धन विधेयक है या नहीं यह लोक सभा के अध्यक्ष प्रमाणित करते हैं।
  • कुछ आपराधिक कृत्यों में नैतिक रूप से दोषी गुण को दूसरों से अलग माना जाता है।
नैतिक अधमता युक्त कोई अपराध करना किशोर न्याय बोर्ड से निर्रहरित किये जाने का एक आधार है।
  • बंधक किसी सुनिश्चित स्थावर संपत्ति में से किसी हित का वह अंतरण है जो उधार के तौर पर दिये गए या दिये जाने वाले धन के संदाय को अथवा वर्तमान या भावी ऋण के संदाय को या ऐसे वचनबंध के पालन को, जिससे धन संबंधी देयता उत्पन्न हो सकती है, को प्रतिभूत करने के उद्देश्य से किया जाता है।
क ने अपनी पैतृक संपत्ति ख को बंधक की।
  • संपत्ति जिसे हटाया या विस्थापित किया जा सकता है।
जंगम संपत्ति का अंतरण माल-विक्रय अधिनियम के अंतर्गत दिया गया है ।
  • किसी भाग को काटकर या नष्ट करके अपूर्ण बनाना।
मृतक का शरीर विकृत अवस्था में मिला ।
  • जैसा कि शामिल लोगों द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी।
पारस्परिक सम्मति से तलाक के लिए सामान्य परिस्थितियों में दूसरे प्रस्ताव से पहले कम से कम 6 महीने की कूलिंग ऑफ अवधि की आवश्यकता होती है।
  • नारकोटिक्स अफीम या हेरोइन जैसी दवाएँ होती हैं जिससे नींद आती है और जो दर्द महसूस होने से रोकती हैं। यह अवैध नशीली दवाओं का प्रतीक भी हो सकता है।
स्वापक नियंत्रण ब्युरो भारत में मादक द्रव्य के सन्दर्भ में कानून प्रवर्तन के मामलों पर नोडल अभिकरण है।
  • बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं हो सकती।
असंज्ञेय अपराध में अन्वेषण के लिए मेजिस्ट्रेट के आदेश की आवश्यकता होती है।
  • कोई व्यक्ति जब अपनी संपत्ति के संबंध में बिना वसीयत किये मर जाता है तो ऐसा व्यक्ति निर्वसीयती कहलाता है।
एक निर्वसीयती लिखत जो कि किसी अधिकार का सृजन करती है को पंजीकृत कराना आवश्यक होता है।
  • एक सत्यनिष्ठ अपील जो आम तौर पर प्रकृति में औपचारिक होती है, जिसमें भगवान से किसी की ईमानदारी या उसके बयानों की सत्यता की गवाही देने के लिये प्रार्थना की जाती है।
राष्ट्रपति को शपथ भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है।
  • कुछ करने या न करने का कर्तव्य
बाध्यता के अन्तर्गत विधि द्वारा प्रवर्तनीय प्रत्येक कर्त्तव्य है।
  • किसी भी कृत्य या चूक के होने के दौरान मौजूदा विधि द्वारा उसका दंडनीय होना।
"अपराध" शब्द के अन्तर्गत भारत से बाहर किया गया ऐसा हर कार्य आता है जो यदि भारत में किया जाता तो, इस संहिता के अधीन दण्डनीय होता है।
  • मौखिक रूप से दिया गया साक्ष्य।
तथ्यों को भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 59 के अंतर्गत मौखिक साक्ष्य द्वारा साबित किया जा सकता है।
  • किसी न्यायालय या न्यायाधीश द्वारा पारित एक आधिकारिक निर्देश, आदेश।
न्यायालय ने व्यादेश के लिए आदेश पारित किया।
  • हावी होना या प्रबल होना।
राज्यपाल की क्षमादान शक्ति दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 433A को अध्यारोहित कर देती है।
  • प्रबल होना या अग्रता प्राप्त करना
हिन्दू दत्तक तथा भरण-पोषण अधिनियम, 1956 का अध्यारोही प्रभाव है।
  • किसी उत्पाद या आविष्कार को बनाने, उपयोग करने या बेचने का एकमात्र व्यक्ति होने का आधिकारिक अधिकार।
पेटेंट, आविष्कार के लिए दिया गया एक विशेष अधिकार है।
  • एक दोष, या विसंगति जिसे निरीक्षण पर आसानी से पाया जा सकता है।
अभिलेख में प्रत्यक्ष दोष पाया गया।
  • दान से प्राप्त साधनों को छोड़कर अन्य साधनों से वंचित व्यक्ति।
अकिंचन व्यक्ति सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 33 के तहत मुकदमा दायर कर सकता है।
  • किसी ऋण के संदाय के लिये या किसी वचन के पालन के लिये प्रतिभूति के तौर पर माल का उपनिधान गिरवी' कहलाता है। उस दशा में उपनिहिती ‘पणयमदार' कहलाता है।
गिरवी रखने में पणयमदार के पास प्रतिधारण का अधिकार है।
  • किसी ऋण के संदाय के लिये या किसी वचन के पालन के लिये प्रतिभूति के तौर पर माल का उपनिधान गिरवी' कहलाता है। उस दशा में उपनिधाता पणयमकार कहलाता है।
गिरवी रखने में पणयमकार के पास मोचनाधिकार अधिकार है।
  • मुकदमे की विषय-वस्तु के महत्त्व/अहमियत द्वारा सीमित क्षेत्राधिकार।
सिविल न्यायालय की धन संबंधी अधिकारिता 3 लाख से बढ़ा कर 20 लाख की गई।
  • किसी कानून, नियम या अनुबंध के उल्लंघन के लिये दी गई सज़ा।
शुल्क का भुगतान समय पर न करने के लिए शास्ति लगायी गयी।
  • डिक्री पारित होने पर या उसके बाद किसी भी समय न्यायालय द्वारा गुजारा भत्ता प्रदान किया जाता है।
न्यायालय, हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 25 के अंतर्गत स्थायी निर्वाह व्यय प्रदान कर सकता है।
  • निषेधाज्ञा/व्यादेश जो निर्णय या आदेश का हिस्सा होती है और किसी समय तक सीमित नहीं होती है।
शाश्वत व्यादेश का प्रावधान विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अंतर्गत दिया है।
  • किसी का व्यक्तित्व बनाने की कार्य।
प्रतिरूपण द्वारा छल भारतीय दंड संहिता की धारा 416 के अंतर्गत परिभाषित है।
  • ऐसे व्यक्ति द्वारा याचना करना जो स्वीकार करता है कि उसने अपराध किया है।
न्यायालय अभियुक्त को उसके दोषी होने के अभिवाक पर दोषसिद्ध कर सकता है।
  • भौतिक नियंत्रण चाहे वह वास्तविक हो या कानून की नज़र में।
क का मकान ख के कब्जे में है।
  • कानून, अध्यादेश या विनियमन का एक परिचयात्मक भाग जो कानून या विनियमन के कारण और आशय को बताता है या व्याख्यात्मक उद्देश्य के लिये उपयोग किया जाता है।
भारत के संविधान की उद्देशिका संविधान का भाग है।
  • एक लिखित आदेश या आज्ञा
आज्ञापत्र के अंतर्गत की गयी कुर्की दो माह से अधिक अवधि के लिए नहीं की जा सकती।
  • नियमों के अनुसार रखना।
सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत विहित का तात्पर्य है नियमों द्वारा विहित।
  • चोट, हानि या नष्ट होने से सुरक्षित रखने की क्रिया।
हमारे गैर नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों का परिरक्षण करना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
  • गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली में संवैधानिक प्रमुख।
राष्ट्रपति का निर्वाचन भारतीय संविधान के अनुछेद 54 के अंतर्गत दिया है।
  • जब तक अन्यथा न दिखाया जाए, सिद्ध मानना।
7 वर्ष से कम आयु के बच्चे की विधि द्वारा निर्दोष होने की उपधारणा की गयी है।
  • किसी क्षति रोकने के उद्देश्य से दी गई राहत।
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अंतर्गत निवारक अनुतोष दिया जा सकता है।
  • ऊपर - ऊपर से देखने पर, पहली बार में देखने पर।
आरोपी के विरुद्ध प्रथमदृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।
  • वह जो अपने सामान्य नियंत्रण के अधीन दूसरों को अपने लिये कार्य करने हेतु नियुक्त करता है।
मालिक ऐसे अभिकर्त्ता की नियुक्ति कर सकता है जो अवयस्क नहीं है।
  • वह व्यक्ति जिसे कारागार में रखा गया हो।
दंड न्यायालय एक बंदी की साक्षी के रूप में जांच कर सकता है।
  • अपने तथा दूसरों के शरीर और संपत्ति की रक्षा करने का अधिकार।
यदि कोई व्यक्ति किसी महिला का बलात्संग करने का प्रयत्न करता है, उस स्थिति में महिला के पास मृत्यु कारित करने का निजी प्रतिरक्षा का अधिकार है।
  • विशेषाधिकार प्राप्त संचार दो पक्षों के बीच की बातचीत है जिसे कानूनी तौर पर निजी चर्चा के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
विशेषाधिकार प्राप्त संसूचना के प्रावधान भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत दिये हैं।
  • एक न्यायिक प्रक्रिया जिसके द्वारा एक वसीयतनामा दस्तावेज़ को वैध वसीयत के रूप में स्थापित किया जाता है।
जब आवेदन प्रोबेट के लिए है तो यह की अर्जी दाता वसीयत में नामित निष्पादक है।
  • अधिकार या आदेश द्वारा मना करना।
सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करना प्रतिषेध है।
  • किसी कार्य को करने, कार्य करने से परहेज़ करने या भुगतान या डिलीवरी करने के लिये एक दृढ़ वचन।
प्रस्थापना प्रतिगृहीत हो जाने पर वचन हो जाती है।
  • वह व्यक्ति जिससे वादा किया गया हो।
प्रस्थापना प्रतिगृहीत करने वाला व्यक्ति वचनगृहीता कहलाता है।
  • वादा करने वाला व्यक्ति
प्रस्थापना करने वाला व्यक्ति वचनदाता कहलाता है।
  • वह कानूनी दस्तावेज़ जिसके द्वारा वचनदाता पर वचनगृहीता के पक्ष में मौद्रिक दायित्व सृजित किया जाता है।
क ने ख के पक्ष में वचन पत्र बनाया।
  • जब एक व्यक्ति दूसरे को कुछ भी करने या करने से प्रविरत करने की अपनी इच्छा व्यक्त करता है, तो ऐसे कार्य या प्रविरति के लिये दूसरे की सहमति प्राप्त करने की दृष्टि से, उसे कहा जाता है कि वह एक प्रस्ताव रखता है;
प्रस्थापना प्रतिगृहीत हो जाने पर वचन बन जाती है।
  • वह पक्ष जिसके द्वारा आपराधिक कार्यवाही शुरू या संचालित की जाती है।
अभियोजन पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा।
  • किसी विधिक या औपचारिक दस्तावेज़ में प्रविष्ट किया गया एक खंड, जो कुछ शर्त, नियम, अपवाद या सीमा का निर्माण करता है या जिसके पालन पर उपकरण का संचालन या विधिमान्यता निर्भर करती है।
विधि के किसी प्रावधान को पढ़ते समय उसके साथ दिए गए परन्तुक को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
  • किसी कार्य की क्रिया या विद्यमान क्रोध, नाराज़गी या जलन।
गंभीर और अचानक प्रकोपन हत्या के अपराध का एक अपवाद है।
  • किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित करने वाली दवाओं को दर्शाने से संबंधित।
अधिकतर सभी मनःप्रभावी दवाइओं के हानिकारक दुष्प्रभाव होते हैं।
  • लोकहित को सुरक्षित करने और सामाजिक रूप से वंचित पक्षों को न्याय की उपलब्धता प्रदर्शित करने के लिये दायर किया गया वाद
सुने जाने के अधिकार का लोकहिते वाद के सन्दर्भ में कड़ाई से पालन नहीं होता है।
  • ऐसा कार्य जो अवैध है क्योंकि वह आमतौर पर जनता के अधिकारों में हस्तक्षेप करता है।
लोक उपताप भारतीय दंड संहिता की धारा 268 में परिभाषित किया गया है ।
  • एक लोक अधिकारी जो राज्य की ओर से दंडनीय कृत्यों की जाँच और अभियोजन हेतु उत्तरदायी हो।
लोक अभियोजक की नियुक्ति दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 24 के अंतर्गत की जा सकती है।
  • दण्ड पाने योग्य या दण्ड के पात्र
विशेष अपराध - धारा 23, धारा 24, धारा 25 और धारा 26 के अधीन दंडनीय अपराध संज्ञेय होंगे ।
  • पार्टियों/पक्षों के बीच संबंध के कारण या उनमें से किसी को अनुचित रूप से लाभ प्राप्त न हो इसके लिये विधि द्वारा पक्षों/पार्टियों पर एक दायित्व निर्धारित किया जाता है।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा (68-72) कल्प संविदाओं से संबंधित है।
  • अजन्मा लेकिन गतिशील भ्रूण।
सजीव अजात शिशु की मृत्यु का कारण बनना भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 316 के अंतर्गत दंडनीय है।
  • किसी व्यक्ति की रिहाई या किसी वस्तु की बहाली के लिये भुगतान किया गया या मांगा गया धन, मूल्य।
मुक्ति धन के लिए व्यपहरण भारतीय दंड संहिता की धरा 364-A के अंतर्गत दंडनीय है।
  • ऐसा कार्य जो उचित देखभाल और ध्यान के बिना किया जाता है।
यदि कोई भी जल्दबाज़ी और लापरवाही से मौत का कारण बनता है, उसे भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 304 ए के तहत दंडित किया जा सकता है।
  • किसी पूर्व कार्य की पुष्टि या तो पक्षकार द्वारा स्वयं या किसी अन्य द्वारा की गई हो
कोई भी विधिमान्य अनुसमर्थन ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता जिसका मामले के तथ्यों का ज्ञान तत्वतः त्रुटियुक्त है।
  • सहमति देकर पुष्टि करना या वैध बनाना।
भारत ने 1958 में समान पारिश्रमिक अभिसमय का अनुसमर्थन किया।
  • किसी गवाह की परीक्षा के बाद उस पक्ष द्वारा ली गई गई परीक्षा जिसने उसे बुलाया था।
यदि विरोधी पक्षकार द्वारा आक्षेप किया जाता है तो सूचक प्रश्न पुनः परीक्षा में नहीं पूछे जाने चाहिये।
  • विधिगत विश्वास और उस विश्वास के कारणों का अस्तित्व
कोई व्यक्ति किसी बात के विश्वास करने का कारण रखता है, यह तब कहा जाता है, जब यह उस बात के विश्वास करने का पर्याप्त हेतुक रखता है, अन्यथा नहीं।
  • किसी तथ्य या घटना का लिखित या अन्य स्थायी रूप में संरक्षित विवरण।
भारत का उच्चतम न्यायलय अभिलेख न्यायालय है।
  • लिखत की त्रुटियों को सुधारना।
लिखत की परिशुद्धि कपट एवं पक्षकारों की पारस्परिक भूल के आधार पर की जा सकती है।
  • संदर्भित करने की कार्रवाई
सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत निर्देश केवल उच्च न्यायालय को किया जा सकता है।
  • कोई व्यक्ति जो जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी विशेष सामाजिक समूह की सदस्यता, या राजनीतिक विचार के कारणों से सताए जाने के डर से अपने मूल देश लौटने में असमर्थ या अनिच्छुक है।
स्वतंत्रता के समय से पड़ोसी देशों के कई शरणार्थी समूहों को भारत ने स्वीकार किया है।
  • प्रासंगिक (जो हो रहा है या जिसके बारे में बात की जा रही है उससे जुड़ा हुआ)।
विधिक रूप से सुसंगत तथ्य न्यायलय में ग्राह्य हैं।
  • कानूनी समाधान या उपाय।
न्यायालय ने पक्षकारों को समुचित अनुतोष प्रदान किये।
  • कोई मामला या मुकदमा जो पहले ही तय हो चुका हो।
पूर्व न्याय का सिद्धांत सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 11 के अंतर्गत दिया है।
  • जब कोई ऐसी स्थिति निर्मित की जाती है जिससे किसी व्यक्ति को गलत तरीके से नियंत्रण में रखा जाता है।
गिरफ्तार किये हुए व्यक्ति पर अनावश्यक अवरोध नहीं रखा जाएगा।
  • वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत कोई न्यायालय कतिपय परिस्थितियों में अपने ही निर्णय पर पुनर्विचार कर सकता है।
व्यथित व्यक्ति जिस न्यायालय ने निर्णय पारित किया, उस न्यायालय को पुनर्विलोकन के लिए आवेदन कर सकता है ।
  • निचले न्यायालय द्वारा क्षेत्राधिकार के अनियमित या अनुचित प्रयोग या गैर-प्रयोग के विरुद्ध किसी दोष को दूर करने या अनुतोष देने के लिये दोबारा जाँच करने का कार्य।
पुनरीक्षण इस आधार पर किया जा सकता है कि न्यायालय निहित अधिकारिता का प्रयोग करने में असफल रहा है।
  • रद्द करने की क्रिया। (प्रतिसंहरण करना- वापस बुलाना)
प्रतिसंहरण कैसे किया जाता है यह भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत दिया गया है।
  • वापस लेना, रद्द करना।
मालिक अपने अभिकर्त्ता को दिये गए प्राधिकार का प्रतिसंहरण उसके प्रयोग किये जाने से पहले कर सकता है।
  • गैरकानूनी सभा के सदस्यों द्वारा शांति में हिंसक बाधा।
बलवा का अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 147 के अंतर्गत दंडनीय है।
  • विधायिका के किसी अधिनियम का एक परिशिष्ट जिसमें विवरण दिया गया होता है या प्रासंगिक मामले की विस्तृत सूची शामिल होती है।
भारत के संविधान में 12 अनुसूचियाँ है।
  • किसी दायित्व की पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु किसी व्यक्ति द्वारा या उसकी ओर से जमा की गई या बनाई गई संपत्ति या बॉण्ड, मान्यताएँ या इस तरह दर्ज की गई संपत्ति, गैर-पूर्ति की स्थिति में जब्त की जा सकती है।
ग ने प्रतिभूति के रूप में अपने घर को गिरवी रखा।
  • जब्त करने की कार्रवाई।
विनिर्दिष्ट जंगम संपत्ति की डिक्री का निष्पादन अभिग्रहण से किया जा सकता है।
  • रद्द करना।
अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को अपास्त किया गया।
  • अलग होने में सक्षम।
यदि संविदा का एक भाग शून्य है और उसका पृथक्करण किया जा सकता है, तो संविदा का शेष भाग निष्पादित किया जा सकता है।
  • जब भी इस अधिनियम द्वारा यह निर्देशित किया जाता है कि न्यायालय किसी तथ्य पर विचार करेगा, तो वह ऐसे तथ्य को सिद्ध मानेगा, जब तक कि वह असिद्ध न हो जाए।
न्यायालय यह उपधारणा करेगा कि प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख जिसका शासकीय राजपत्र होना तात्पर्यित है वह असली है।
  • उचित घोषणा के साथ विवाह संविदा में प्रवेश करना
हिन्दू विवाह उसके पक्षकारों में से किसी को भी रूढ़िगत रीतियों और कर्मकांड के अनुसार अनुष्ठापित किया जा सकेगा ।
  • वह कारावास जिसके दौरान एक दोषी को अन्य दोषियों से अलग अकेला रखा जाता है।
Retrieving data. Wait a few seconds and try to cut or copy again.
  • मन की एक अवस्था जिसमें व्यक्ति मनुष्य के कार्य की प्रकृति को समझ सकता है और अपना निर्णय स्वयं कर सकता है।
Retrieving data. Wait a few seconds and try to cut or copy again.
  • राज्य सूची में वे महत्त्वपूर्ण विषय शामिल हैं जिन पर राज्य सरकार कानून पारित कर सकती है।
भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में 66 विषय सम्मिलित हैं।
  • न्याय की प्रक्रिया के अधीन।
न्यायाधीन विषयों से किस प्रकार निपटा जाएगा, इसका विवरण सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 10 के अंतर्गत दिया है।
  • राज्य न्यायपालिका में एक उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों का एक पदानुक्रम होता है, जिन्हें अवर न्यायालय भी कहा जाता है। अधीनस्थ न्यायालयों को राज्य उच्च न्यायालय के अधीन होने के कारण तथाकथित कहा जाता है।
भारत के संविधान का अध्याय VI अधीनस्थ न्यायालयों के प्रावधान से संबंधित है।
  • विशेष परिस्थितियों में दिया जाने वाला भरण-पोषण भत्ता।
राज्य सरकार जीवन निर्वाह भत्ते का माप तय कर सकती है।
  • वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक व्यक्ति किसी संपत्ति या उस जैसी चीज़ पर कब्ज़ा करने में दूसरे व्यक्ति का उत्तराधिकारी बनता है।
क ने निर्वसीयत उत्तराधिकार द्वारा ख की संपत्ति प्राप्त की।
  • भारत में न्याय का सर्वोच्च न्यायालय।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 143 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय के पास सलाहकारी क्षेत्राधिकारिता है।
  • वह व्यक्ति जो ऋण देनेवाले (उत्तमर्ण) के सामने ऋण लेनेवाले (अधमर्ण) की जमानत करे ।
प्रत्याभूति की संविदा में क, ख का प्रतिभू बना।
  • अस्थायी आधार पर पारित की गई निषेधाज्ञा।
अस्थायी व्यादेश का प्रावधान सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत दिया है।
  • जो पट्टे पर भूमि, मकान आदि को रखता है।
अभिधारी को दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत बेदखल किया गया।
  • किसी चीज़ का निष्कासन/समाप्ति।
अभिकरण का पर्यवसान मालिक की मृत्यु पर हो जाता है।
  • एक परिभाषित क्षेत्र के भीतर उत्पन्न होने वाले या व्यक्तियों/संपत्ति से जुड़े मामलों पर अधिकार क्षेत्र।
विभाजन से संबंधित विवाद उस न्यायालय की क्षेत्रीय अधिकारिता में आता है जहाँ वह संपत्ति स्थित है।
  • वसीयत से सम्बंधित।
वसीयती उत्तराधिकार भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम 1925 द्वारा शासित है।
  • वह जो वसीयत करता है।
वसीयतकर्ता ने अपनी संपत्ति, वसीयत द्वारा परोपकार के लिए दान दी ।
  • एक गवाह द्वारा शपथ के तहत दिया गया बयान।
साक्षी के परिसाक्ष्य को अभिलिखित किया गया।
  • किसी निर्माता या व्यापारी द्वारा अपने माल को दूसरे के माल से अलग प्रदर्शित करने के लिये इस्तेमाल किया जाने वाला चिह्न।
भारत में व्यापार चिह्नों का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है।
  • लाभ के लिये शोषण करने के उद्देश्य से बल, धोखाधड़ी या धोखे के माध्यम से लोगों की भर्ती, परिवहन, स्थानांतरण, आश्रय या प्राप्ति को मानव तस्करी कहा जाता है।
व्यक्ति का दुर्व्यापार भारतीय दंड संहिता की धारा 370 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
  • लेन-देन को संबंधित तथ्यों के संग्रह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिन्हें एक ही कानूनी नाम के तहत संदर्भित किया जाता है, जैसे संविदा, अपराध, गलत, या जांच का कोई अन्य संभावित विषय।
सम्बंधित तथ्य और कार्य में वह तथ्य जो एक ही संव्यवहार का भाग हैं, सम्मिलित हैं।
  • अधिकरण विधि द्वारा स्थापित न्यायिक या अर्द्ध-न्यायिक संस्थाएँ हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण से अपील सर्वोच्च न्यायालय में की जाती है।
  • एक व्यक्ति जिसके पास संपत्ति या अधिकार हैं जो वह रखता है या किसी अन्य के लिये या उसकी ओर से या किसी विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति के लिये प्रयोग करने के लिये बाध्य है।
न्यासी के अन्तर्गत प्रत्येक व्यक्ति है जो न्यास में सम्पत्ति धारण किये हुए है।
  • वास्तविक मूल्य से कम मूल्यांकन।
वाद की संपत्ति न्यून मूल्यांकित की गई थी।
  • एक अनुचित या गलत बाधा, या तात्कालिकता या अनुनय जिससे किसी व्यक्ति की इच्छा प्रबल हो जाती है और उसे ऐसा कार्य करने या मना करने के लिये प्रेरित किया जाता है जिसे वह नहीं करेगा या यदि उसे स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिये छोड़ दिया जाए तो उसे मना कर दिया जाता है।
असम्यक असर की परिभाषा भारतीय संविदा अधिनियम , 1872 की धारा 16 के अंतर्गत दी गयी है
  • केंद्रीय मंत्रिपरिषद भारत सरकार का प्रमुख कार्यकारी अंग है, जो कार्यकारी शाखा के निर्णकारी निकाय के रूप में कार्य करता है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करता है।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देती है।
  • संघ सूची में देश की रक्षा, विदेशी मामले, बैंकिंग, संचार और मुद्रा जैसे राष्ट्रीय महत्त्व के विषय शामिल होते हैं।
संघ सूची में वर्णित विषयों पर केवल केंद्र सरकार ही कानून बना सकती है।
  • वह जो विधि के विपरीत हो या विधि द्वारा अधिकृत न हो।
संविदा के गठन के लिए प्रतिफल विधिविरुद्ध नहीं होना चाहिए।
  • कानून द्वारा निषिद्ध कार्य करने के लिये गठित 5 या अधिक व्यक्तियों की एक सभा।
एक व्यक्ति जो साशय विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित होता है वह ऐसे जमाव का सदस्य कहलाता है।
  • "जब दो व्यक्ति एक ही पूर्वजा से लेकिन अलग-अलग पतियों के वंशज हों"
दो व्यक्ति एक से एकोदर रक्त से संबंधित तब कहे जाते हैं जबकि वे एक ही पूर्वजा से किन्तु भिन्न पतियों द्वारा अवजनित हों ।
  • शून्य बनाना, किसी भी प्रकार के प्राधिकार या वैधता का न होना।
न्यायालय ने स्थगन आदेश को निष्प्रभाव किया।
  • जिसका कोई आर्थिक या व्यावहारिक मूल्य हो
हस्ताक्षरित निरंक चेक एक मूल्यवान प्रतिभूति है।
  • यह एक ऐसे दस्तावेज़ को संदर्भित करता है जो कानूनी अधिकार का सृजन करता है, उसे संशोधित करता है, स्थानांतरित करता है, सीमित करता है, समाप्त करता है या जारी करता है। यह एक ऐसा दस्तावेज़ भी हो सकता है जिसके तहत कोई व्यक्ति अपने कानूनी दायित्वों या किसी विशिष्ट कानूनी अधिकार की अनुपस्थिति को स्वीकार करता है।
वचनपत्र एक मूल्यवान प्रतिभूति है।
  • किसी देश या उसके किसी भाग के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा।
समाचार दर्पण भारत का पहला जनभाषा में प्रकाशित समाचार पत्र था।
  • पंचायती राज का एक तत्त्व जो गाँव के कल्याण और विकास के लिये ग्राम स्तर पर कार्य करता है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 40 के अंतर्गत राज्य ग्राम पंचायत गठित करने के लिए अधिकृत हैं।
  • कोई कानूनी शक्ति या बाध्यकारी प्रभाव नहीं होना।
अवैध संविदा शून्य मानी जाती है।
  • अपनी ही इच्छा से।
दान स्वेच्छा से , प्रतिफल के बिना किया जाने वाला संपत्ति अंतरण है।
  • प्रतिकूल कारकों के प्रति क्षतिग्रस्त, नष्ट होने वाले अतिसंवेदनशील मनुष्य, संसाधन, संपत्ति और पर्यावरण।
“देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाला बालक” से ऐसा बालक अिभप्रेत है - जो असुरिक्षत पाया गया हैऔर उसे मादक द्रव्य दुरुपयोग या अवैध व्यापार में सम्मिलित किए जाने की संभावना है।
  • किसी अनिश्चित घटना के मुद्दे पर रखी गई कोई चीज (विशेष रूप से धनराशि)।
पंद्यम के तौर के करार शून्य होते हैं।
  • संपत्ति का विधिविरुद्ध तरीकों से किया गया लाभ जिसका लाभ प्राप्त करने वाला व्यक्ति विधि द्वारा हकदार नहीं होता है।
सदोष अभिलाभ का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 23 के अंतर्गत दिया है।
  • किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा कब्जा करना जो संपत्ति का हकदार नहीं है या व्यक्ति ने गलत तरीकों से कब्जा प्राप्त करता है।
क का ख की संपत्ति पर सदोष कब्जा है।