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सांविधानिक विधि
एक राष्ट्र, एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट
« »18-Mar-2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
परिचय:
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव का प्रस्ताव दिया। सितंबर, 2023 से 191 दिनों में संकलित 18,626 पृष्ठों की रिपोर्ट राष्ट्रीय और राज्य चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनावों को एक साथ कराने की वकालत करती है। इसे लागू करने के लिये, समिति दो विधेयकों में 15 संवैधानिक संशोधनों का सुझाव देती है, जिसका उद्देश्य भारत की चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है।
संरचना एवं परामर्श प्रक्रिया क्या है?
- श्री अमित शाह, श्री गुलाम नबी आज़ाद और विधि विशेषज्ञों सहित प्रतिष्ठित सदस्यों वाली समिति ने एक कठोर परामर्श प्रक्रिया अपनाई।
- इसने 47 राजनीतिक दलों के साथ काम किया, नागरिकों से 21,000 से अधिक प्रतिक्रियाएँ प्राप्त कीं और शीर्ष व्यापारिक संगठनों तथा अर्थशास्त्रियों से परामर्श किया।
- इन परामर्शों ने समिति की सिफारिशों का आधार बनाया।
एक राष्ट्र एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की प्रमुख सिफारिशें क्या हैं?
- दो-चरणीय दृष्टिकोण:
- समिति एक साथ चुनाव के लिये दो-चरणीय दृष्टिकोण का प्रस्ताव करती है।
- सबसे पहले, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे।
- इसके बाद, नगर पालिकाओं एवं पंचायतों के चुनाव राष्ट्रीय और राज्य चुनावों के अनुरूप होंगे।
- इसके अतिरिक्त, समिति सरकार के सभी स्तरों पर एकीकृत मतदाता सूची और चुनावी फोटो पहचान पत्र (Electoral Photo Identity Cards-EPIC) की वकालत करती है।
- संवैधानिक संशोधन:
- एक साथ चुनाव की सुविधा के लिये समिति ने संविधान में संशोधन की सिफारिश की।
- एक नया अनुच्छेद 82A, एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया स्थापित करेगा।
- इसमें एक आधिकारिक तारीख की नियुक्ति और आम चुनावों के बाद विधान सभाओं का एक साथ विघटन शामिल है।
- भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) इन चुनावों के समन्वय की निगरानी करेगा।
- समिति ने पंचायत और नगर पालिकाओं में एक साथ चुनाव के लिये अनुच्छेद 324A का प्रस्ताव रखा।
- और अनुच्छेद 325(2) प्रत्येक क्षेत्रीय क्षेत्र के लिये एक एकीकृत चुनावी रजिस्टर स्थापित करेगा, जो लोगों के सदन, राज्य विधानमंडल, नगर पालिका या पंचायत के चुनावों पर लागू होगा।
- एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव और मतदाता सूची तैयार करना:
- चुनावी प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करने के लिये, समिति राज्य अनुसमर्थन की आवश्यकता वाले संशोधनों का प्रस्ताव करती है।
- इन संशोधनों का उद्देश्य सरकार के विभिन्न स्तरों पर चुनावों को शामिल करते हुए सभी क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिये एक एकल मतदाता सूची बनाना है।
- राज्य निर्वाचन आयोगों के परामर्श से ECI द्वारा तैयार की गई यह केंद्रीकृत मतदाता सूची मौजूदा मतदाता सूचियों की जगह लेगी।
निष्कर्ष:
समिति का दावा है कि उसकी सिफारिशें संविधान की भावना के अनुरूप हैं और इसमें न्यूनतम संशोधन की आवश्यकता होगी। इसका अनुमान है कि एक साथ चुनाव से पारदर्शिता, समावेशिता और मतदाताओं का विश्वास बढ़ेगा, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा भारत का लोकतांत्रिक ताना-बाना मज़बूत होगा।