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सिविल कानून
डनलप न्यूमेटिक टायर कंपनी लिमिटेड बनाम सेल्फ्रिज एंड कंपनी (1915)
« »11-Sep-2024
परिचय:
यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जो संविदात्मक-संबंध एवं क्षतिपूर्ति-संबंध के सिद्धांत के विषय में चर्चा करता है।
तथ्य:
- वादी मोटर टायर के निर्माता थे।
- ड्यू एंड कंपनी मोटर सहायक निर्माता था। वे वादी के साथ निर्धारित समय के अंदर उनके कुछ सामान खरीदने एवं वादी की सूची मूल्य से कम दर पर सामान न बेचने पर सहमत हुए।
- वादी ने अपने सभी व्यापारिक खरीदारों के साथ इस तरह के करार किये थे।
- प्रतिवादियों (सेल्फ्रिज कंपनी) ने जनवरी 1912 में डी एंड कंपनी से वादी के टायर मंगवाए।
- प्रतिवादियों एवं डी एंड कंपनी के मध्य एक करार हुआ था जिसके अंतर्गत उन्हें वादी की सूची में निर्दिष्ट कीमतों पर कुछ छूट दी गई थी, वे सूची में निर्दिष्ट कीमतों से कम कीमत पर विक्रय न करने पर सहमत हुए।
- वादी ने प्रतिवादियों पर संविदा के उल्लंघन का वाद संस्थित किया।
शामिल मुद्दे:
- क्या डनलप सेल्फ्रिज पर वाद संस्थित किया जा सकता है, भले ही उनके मध्य कोई संविदात्मक संबंध न हो?
टिप्पणी:
- न्यायालय का निर्णय निम्नलिखित कारकों पर आधारित था:
- संविदात्मक-संबंध: यह प्रावधानित करता है कि संविदा के उल्लंघन के मामले में केवल संविदा का एक पक्ष ही वाद संस्थित कर सकता है।
- क्षतिपूर्ति-संबंध: यह प्रावधानित करता है कि संविदा के अस्तित्व में बने रहने के लिये वचनदाता को क्षतिपूर्ति देना चाहिये, किसी अन्य व्यक्ति को नहीं।
- संविदा में नामित व्यक्ति पर वाद केवल तभी संस्थित किया जा सकता है जब वह संविदा के लिये निजी पक्षों की ओर से अभिकर्त्ता (एजेंट) के रूप में कार्य करता है।
- न्यायालय ने माना कि ड्यू डनलप के एजेंट के रूप में कार्य नहीं कर रहा था, इसलिये इस मामले में तीसरा सिद्धांत लागू नहीं होगा।
- इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने पाया कि दिये गए तथ्यों में डनलप ने सेल्फ्रिज को विचार में नहीं लिया था तथा इसलिये, पक्षों के मध्य कोई बाध्यकारी संविदा नहीं हो सकता था।
- डनलप को संविदा के अंदर एक एजेंट के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया था तथा इसलिये उसे वैध तीसरे पक्ष के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता था जिसके पास संविदा पर दावा करने का अधिकार था।
निष्कर्ष:
- इस मामले में न्यायालय ने माना कि केवल वह व्यक्ति जो संविदा का पक्षकार है, संविदा के उल्लंघन के मामले में वाद संस्थित कर सकता है।
- केवल उन मामलों में जब संविदा में नामित पक्ष एजेंट के रूप में कार्य कर रहा हो, उपरोक्त प्रावधान लागू नहीं होंगे।