होम / एडिटोरियल
सांविधानिक विधि
वी.बी.-जी. राम जी. विधेयक 2025: ग्रामीण नियोजन में अधिकार बनाम सुधार
«20-Dec-2025
स्रोत: द हिंदू
परिचय
विपक्षी दलों के कड़े विरोध और संसदीय व्यवधान के बीच संसद ने विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक, 2025 पारित कर दिया।
- यह विधेयक लगभग दो दशक पुराने महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), 2005 का स्थान लेता है, जो भारत की ग्रामीण रोजगार संरचना में इसकी स्थापना के बाद से सबसे महत्त्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है।
VB-G RAM G विधेयक क्या है?
बारे में:
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लोकसभा में विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक, 2025 पेश किया।
- प्रस्तावित विधि अधिकार-आधारित, मांग-संचालित ग्रामीण नियोजन योजना से हटकर बजट-सीमित, आपूर्ति-संचालित ढाँचे की ओर एक मौलिक परिवर्तन को दर्शाता है, जो विकसित भारत @2047 की परिकल्पना के अनुरूप है ।
मुख्य प्रावधान:
- सांविधिक वेतन नियोजन गारंटी: यह गारंटी प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के वेतन पर नियोजन की विधिक गारंटी प्रदान करती है, उन वयस्क सदस्यों को जो अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक हों।
- सशर्त और गैर-सार्वभौमिक कवरेज: MGNREGA के सार्वभौमिक कवरेज के विपरीत, इस विधेयक के अधीन नियोजन केवल केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ग्रामीण क्षेत्रों में ही उपलब्ध होगा, जिससे गारंटी राष्ट्रव्यापी होने के बजाय सशर्त हो जाएगी।
- ग्राम पंचायत योजनाओं (VGPP) के माध्यम से जमीनी स्तर की योजना: स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं (VGPP) की तैयारी को अनिवार्य बनाता है, जो ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर एकत्रित की जाती हैं, और समन्वित अवसंरचना योजना के लिये PM गति शक्ति के साथ एकीकृत होती हैं।
- केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) संरचना: अधिकांश राज्यों के लिये लागत-साझाकरण पैटर्न को 60:40 तक संशोधित करके (MGNREGA के अधीन पहले के 10% अंश से) राज्यों पर वित्तीय भार को काफी बढ़ा देती है, जबकि उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिये ही 90:10 को बरकरार रखती है।
- राज्यवार आवंटन का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा वस्तुनिष्ठ मापदंडों के आधार पर वार्षिक रूप से किया जाएगा, जिससे संकट या बढ़ती मांग के जवाब में खर्च बढ़ाने का लचीलपन सीमित हो जाएगा।
- कृषि मौसमों के दौरान लचीलापन: विधेयक राज्यों को एक वित्तीय वर्ष में बुवाई और कटाई के चरम मौसमों के दौरान 60 दिनों तक कार्यक्रम को रोकने का अधिकार देता है, जिससे कृषि क्रियाकलापों के लिये कृषि श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
- बेरोजगारी भत्ता प्रावधान: यदि मांग के 15 दिनों के भीतर नियोजन प्रदान नहीं किया जाता है तो राज्य सरकारों द्वारा बेरोजगारी भत्ता का भुगतान अनिवार्य है।
VB-G RAM G, MGNREGA से किस प्रकार भिन्न है?
|
पैरामीटर |
मनरेगा (MGNREGA) |
वी.बी.-जी. राम जी. (VB-G RAM G) |
|
वित्तपोषण संरचना |
|
|
|
आवंटन तंत्र |
|
|
|
काम की उपलब्धता |
|
|
|
प्रशासनिक सीमा |
|
|
|
शासन संरचना |
|
|
सरकार का तर्क क्या है?
संरचनात्मक कमजोरियों का समाधान:
- कार्यान्वयन में कमियां: निगरानी से लगातार समस्याएं सामने आईं जिनमें जमीनी स्तर पर मौजूद न होने वाले काल्पनिक कार्य, व्यय-प्रगति में विसंगतियां, श्रम-प्रधान परियोजनाओं में अनधिकृत मशीन उपयोग और डिजिटल उपस्थिति प्रणालियों का बार-बार उल्लंघन सम्मिलित हैं।
- सीमित पूर्ण नियोजन: महामारी के बाद की अवधि में केवल कुछ ही परिवारों ने 100 दिनों का नियोजन पूरा किया, जो वितरण प्रणाली की परिसीमाओं को दर्शाता है।
- अवसंरचना की गुणवत्ता: असंबद्ध स्थानीय परियोजनाओं के बजाय राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं के अनुरूप टिकाऊ परिसंपत्तियों की आवश्यकता।
- वित्तीय पूर्वानुमान: खुली मांग-आधारित वित्तपोषण से बजटीय अनिश्चितताएँ उत्पन्न होती हैं; मानक आवंटन पूर्वानुमानित योजना सुनिश्चित करता है।
अपेक्षित लाभ:
- उच्च आय सुरक्षा: 125 दिन की गारंटी मनरेगा की वास्तविक 100 दिन की सीमा की तुलना में 25% अधिक कमाई क्षमता प्रदान करती है।
- बेहतर अवसंरचना: प्रधानमंत्री गति शक्ति के साथ तालमेल यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण कार्य समन्वित राष्ट्रीय अवसंरचना विकास में योगदान दें।
- कृषि श्रम की उपलब्धता: 60 दिनों का ब्रेक पीक सीज़न के दौरान कृषि के साथ प्रतिस्पर्धा को रोकता है, जिससे किसानों की परिवादों का समाधान होता है।
- जवाबदेही में सुधार: उन्नत डिजिटल निगरानी, प्रशासनिक खर्च में वृद्धि, वास्तविक समय के डैशबोर्ड और अनिवार्य बायोमेट्रिक उपस्थिति से भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार में कमी आती है।
- क्षेत्रीय असमानताओं में कमी: पंचायत ग्रेडिंग प्रणाली कम प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों को अधिक आवंटन निदेशित करती है।
निष्कर्ष
वी.बी.-जी. राम जी. (VB-G RAM G) विधेयक 2025 भारत के स्वतंत्रताोत्तर सामाजिक कल्याण इतिहास में सबसे महत्त्वपूर्ण और विवादास्पद नीतिगत परिवर्तनों में से एक है। यह टकराव केवल तकनीकी नहीं अपितु दार्शनिक भी है—एक लोकतांत्रिक राज्य को गारंटीकृत अधिकारों और राजकोषीय स्थिरता के बीच, केंद्रीकृत विकास योजना और समुदाय-संचालित प्राथमिकताओं के बीच, और तकनीकी दक्षता और समावेशी पहुँच के बीच संतुलन कैसे बनाना चाहिये, इस बारे में प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोणों के बीच।