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आपराधिक कानून

BNSS के अंतर्गत समन का अनुपालन (तामील)

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 09-Jul-2024

परिचय:

समन एक विधिक दस्तावेज़ है जो न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति को उसके समक्ष उपस्थित होने का आदेश देते हुए जारी किया जाता है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) के अधीन, आम तौर पर आरोपी या साक्षियों को न्यायालयी कार्यवाही में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये समन जारी किया जाता है।

  • BNSS की धारा 63 से 71 में समन के संबंध में प्रावधान निर्धारित किये गए हैं।
  • दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (CrPC) में धारा 61 से 69 के अधीन समन के संबंध में प्रावधान निर्धारित किये गए हैं।

समन का उद्देश्य:

  • समन जारी करने का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों को विधिक कार्यवाही के विषय में सूचित करना तथा उन्हें अपना पक्ष या साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करना है।

समन का प्रारूप: BNSS  की धारा 63:

  • इस धारा में कहा गया है कि न्यायालय द्वारा जारी किया गया प्रत्येक समन लिखित रूप में, दो प्रतियों में, न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिये तथा उस पर न्यायालय की मुहर होनी चाहिये।
  • यह एन्क्रिप्टेड या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार के रूप में होना चाहिये तथा उस पर न्यायालय की मुहर या डिजिटल हस्ताक्षर की छवि होनी चाहिये।

समन के अनुपालन की प्रक्रिया: BNSS की धारा 64

  • यदि संभव हो तो समन उस व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से भेजा जाएगा जिसके लिये यह प्रेषित किया गया है।
  • समन की एक प्रति उस व्यक्ति को दी जानी चाहिये या उसके निवास पर किसी के पास छोड़ी जानी चाहिये।
  • समन प्रेषित करने वाले अधिकारी को प्राप्ति की पावती के रूप में मूल समन पर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर प्राप्त करने होंगे।

कॉर्पोरेट निकायों, फर्मों एवं सोसायटियों के लिये समन का अनुपालन : BNSS की धारा 65

  • किसी कंपनी या निगम के लिये समन कंपनी या निगम के निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी को दिया जाना चाहिये।
  • किसी फर्म या व्यक्तियों के अन्य संघ के लिये समन ऐसी फर्म या संघ के किसी भागीदार को दिया जाना चाहिये, या ऐसे भागीदार को संबोधित पंजीकृत डाक द्वारा भेजे गए पत्र द्वारा दिया जाना चाहिये।

संबंधित विधिक व्यक्ति के न होने पर समन का अनुपालन : BNSS की धारा 66

  • यदि समन किया गया व्यक्ति नहीं मिल पाता है, तो समन की एक प्रति उस व्यक्ति के साथ रहने वाले उसके परिवार के किसी वयस्क सदस्य को सौंपकर समन का अनुपालन किया जा सकता है।
  • जिस व्यक्ति के पास समन छोड़ा गया है, उसे, यदि अनुपालन करने वाले अधिकारी द्वारा ऐसा अपेक्षित हो, तो दूसरी प्रति के पीछे पावती (रसीद) पर हस्ताक्षर करना होगा।
  • इस धारा के अर्थ में कोई नौकर परिवार का सदस्य नहीं है।

पूर्व की भाँति प्रभावी न होने पर अनुपालन की प्रक्रिया: BNSS  की धारा 67

  • जब धारा 64, 65 या धारा 66 में दिये गए प्रावधानों से अनुपालन नहीं की जा सकती है, तो अनुपालन करने वाले अधिकारी को समन की एक प्रति घर या वासस्थान के किसी ऐसे प्रमुख भाग पर चिपकानी होगी, जहाँ व्यक्ति आमतौर पर रहता है।
  • ऐसी जाँच करने के बाद न्यायालय या तो यह घोषित कर सकता है कि समन का अनुपालन विधिवत् हुआ है या समन के नए अनुपालन का आदेश दे सकता है।

सरकारी कर्मचारी के लिये समन का अनुपालन : BNSS  की धारा 68

  • किसी सरकारी कर्मचारी को उस कार्यालय के प्रमुख के माध्यम द्वारा समन का अनुपालन किया जाना चाहिये जिसमें वह व्यक्ति कार्यरत है।
  • ऐसा प्रमुख धारा 64 के अंतर्गत दिये गए प्रावधान द्वारा समन का अनुपालन करेगा तथा उस धारा द्वारा अपेक्षित पृष्ठांकन के साथ अपने हस्ताक्षर के साथ इसे न्यायालय को वापस कर देगा।
  • ऐसा हस्ताक्षर उचित अनुपालन का साक्ष्य होगा।

स्थानीय सीमाओं के बाहर समन का अनुपालन : BNSS  की धारा 69

  • यदि किसी स्थान पर न्यायालय के अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमाओं के बाहर समन का अनुपालन किया जाना है, तो उसे उस मजिस्ट्रेट के पास भेजा जाना चाहिये जिसके अधिकार क्षेत्र में व्यक्ति निवास करता है।
  • मजिस्ट्रेट इसके बाद BNSS के प्रावधान के अनुसार समन के अनुपालन की कार्यवाही आगे बढ़ाएगा।

सेवारत कर्मचारी की अनुपस्थिति में सेवा का प्रमाण: BNSS की धारा 70

  • जब न्यायालय द्वारा जारी किया गया समन उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर अनुपालन किया जाता है तथा किसी ऐसे मामले में जहाँ समन का अनुपालन करने वाला अधिकारी मामले की सुनवाई के समय उपस्थित नहीं होता है, तो मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया गया यह संदर्भित शपथ-पत्र कि ऐसा समन अनुपालन किया गया है और समन की एक प्रति साक्ष्य में ग्राह्य होगी।
  • धारा 64 से 71 के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से भेजे गए सभी समन का विधिवत् अनुपालन माना जाएगा तथा ऐसे समन की एक प्रति सत्यापित की जाएगी और समन के अनुपालन के साक्ष्य के रूप में रखा जाएगा।

साक्षियों के लिये समन का अनुपालन : BNSS  की धारा 71

  • किसी साक्षी को समन जारी करने वाला न्यायालय, ऐसे समन जारी करने के अतिरिक्त तथा उसके साथ-साथ, यह निर्देश दे सकता है कि समन की एक प्रति, साक्षी को उस स्थान पर, जहाँ वह सामान्यतः निवास करता है, व्यवसाय करता है या व्यक्तिगत रूप से लाभ के लिये कार्य करता है, इलेक्ट्रॉनिक संचार या पंजीकृत डाक द्वारा अनुपालन किया जाए।
  • जब डाक कर्मचारी द्वारा यह दावा किया जाता है कि साक्षी ने समन लेने से मना कर दिया है, तो समन जारी करने वाला न्यायालय यह मान सकता है कि समन का अनुपालन विधिवत् कर दिया गया है।

निष्कर्ष:

BNSS के अधीन समन की सेवा का प्रावधान यह सुनिश्चित करने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं कि व्यक्तियों को उनसे जुड़ी विधिक कार्यवाही के विषय में विधिवत् जानकारी दी जाए तथा उन्हें भाग लेने का अवसर मिले। उल्लिखित प्रक्रियाओं का पालन करके, न्यायिक प्रणाली का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रक्रिया की अखंडता एवं निष्पक्षता को बनाए रखना है। समन की प्रभावी सेवा न केवल एक विधिक औपचारिकता है, बल्कि यह सुनिश्चित करने की आधारशिला है कि न्याय दिया जाए।