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सिविल कानून
समाश्रित हित
« »01-Jan-2024
परिचय:
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 21 समाश्रित हित की अवधारणा से संबंधित है। यह एक हित है जो किसी निर्दिष्ट अनिश्चित घटना के घटित होने की शर्त पर किसी व्यक्ति के पक्ष में बनाई जाती है।
TPA की धारा 21:
- इस धारा में कहा गया है कि जहाँ कि संपत्ति-अंतरण से उस संपत्ति में किसी व्यक्ति के पक्ष में हित विर्निदिष्ट अनिश्चित घटना के घटित न होने पर ही अथवा किसी विर्निदिष्ट अनिश्चित घटना के घत्तित न होने पर ही प्रभावी होने के लिये सृष्ट किया गया हो, वहाँ ऐसा व्यक्ति तद्द्वारा उस संपत्ति में समाश्रित हित अर्जित करता है। ऐसा हित पूर्व कथित दशा में उस घटना के घटित होने पर और पश्चात्-कथित दशा में उस घटना का घटित होना असंभव हो जाने पर निहित हित हो जाता है।
- अपवाद- जहाँ कि संपत्ति-अंतरण के अधीन कोई व्यक्ति उस संपत्ति में किसी हित का हकदार कोई विशिष्ट आयु प्राप्त करने पर हो जाता है, और अंतरक उसको वह आय भी आत्यांतिकतः देता है जो उसके वह आयु प्राप्त करने से पहले ऐसे हित से उद्भूत हो यह निदेश देता है कि वह आय या उसमें से उतनी, जितनी आवश्यक हो, उसके फायदे के लिये उपयोजित की जाए, वहाँ ऐसा हित समाश्रित हित नहीं है।
दृष्टांत:
- यदि B 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेगा का होगा या जब वह 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेगा तो एक धनराशि उसे हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस प्रकार हस्तांतरित धनराशि में B का हित तब तक समाश्रित है जब तक कि उसकी आयु प्राप्त करने पर शर्त पूरी नहीं हो जाती।
- यदि C की निःसंतान मृत्यु हो जाती है, तो संपत्ति X को मिल जाएगी, यहाँ X का हित समाश्रित है।
धारा 21 की विशेषताएँ:
- इसे किसी व्यक्ति के पक्ष में केवल एक विर्निदिष्ट अनिश्चित घटना के घटित होने या न होने पर प्रभाव डालने के लिये बनाया गया है, जो घटित हो भी सकती है और नहीं भी।
- यह पूरी तरह से शर्तों की पूर्ति पर निर्भर होता है जिसके बाद यह निहित हित बन जाता है।
- यह अंतरणीय है।
- यह केवल मालिक बनने का मौका होता है।
- इसमें उपभोग का कोई वर्तमान अधिकार नहीं होता है।
- संपत्ति का कब्ज़ा प्राप्त करने से पहले अंतरिती की मृत्यु के परिणामस्वरूप समाश्रित हित समाप्त हो जाएगा और संपत्ति अंतरक के पास ही रहेगी।
समाश्रित हित हेतु शर्तें:
TPA की धारा 22, 23 और 24 में समाश्रित हित की शर्तें शामिल हैं।
- धारा 22 में कहा गया है कि जहाँ कि संपत्ति-अंतरण से उस संपत्ति में कोई हित किसी वर्ग के केवल ऐसी सदस्यों के पक्ष में सृष्ट किया गया हो, जो कोई विशिष्ट आयु प्राप्त करे, वहाँ ऐसा हित वर्ग के ऐसी किसी सदस्य में निहित नहीं होता जिसने वह आयु प्राप्त नहीं कर ली है।
- धारा 23 में कहा गया है कि जहाँ कि संपत्ति-अंतरण से उस संपत्ति में कोई हित किसी विर्निदिष्ट व्यक्ति को किसी विनिर्दिष्ट अनिश्चित घटना के घटित होने पर ही प्रोद्भूत होना हो, और उस घटना के घटित होने के लिये समय वर्णित न हो, वहाँ वह हित निष्फल हो जाता है जब ऐसी घटना मध्यवर्ती या पूर्वर्ती हित के अस्तित्वहीन होने से पहले ही या साथ ही घटित नहीं हो जाती।
- धारा 24 में कहा गया है कि जहाँ कि संपत्ति-अंतरण से उस संपत्ति में हित निश्चित व्यक्तियों में से ऐसी व्यक्तियों को प्रोद्भूत होना हो, जो किसी कालावधि पर उत्तरजीवी रहे किंतु निश्चित कालावधि विनिर्दिष्ट न हो, वहाँ वह हित व्यक्तियों में से ऐसों को जो मध्यवर्ती या पूर्वर्ती हित के अस्तित्व का अंत होने के समय जीवित हों, चला जाएगा, जब तक कि अंतरण के निबंधनों से कोई तत्प्रतिकूल आशय प्रतीत न होता हो।