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सांविधानिक विधि

राजवित्तीय संघवाद

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 08-Feb-2024

स्रोत: द हिंदू

परिचय:

केरल के मुख्यमंत्री 8 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसमें राज्य सरकार केंद्र द्वारा उसपर वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा करेगी। इस मुद्दे की जड़ केंद्र द्वारा केरल पर शुद्ध उधार सीमा (Net Borrowing Ceiling- NBC) लगाने में निहित है, जिससे राज्य की विभिन्न स्रोतों से निधि उधार लेने की क्षमता सीमित हो गई है। इस कदम ने केरल को गंभीर वित्तीय संकट में डाल दिया है, जिससे राज्य सरकार को NBC की वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देनी पड़ी है। इस संघर्ष के व्यापक निहितार्थ भारत में राजवित्तीय संघवाद के चिंताजनक क्षरण को रेखांकित करते हैं।

NBC के संबंध में क्या प्रतिविरोध है?

  • NBC खुले बाज़ार के उधार सहित सभी स्रोतों से राज्यों के उधार पर प्रतिबंध लगाता है।
  • केरल का विवाद मुख्य रूप से राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों, जैसे कि केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) द्वारा लिये गए ऋण को राज्य के समग्र ऋण में शामिल करने से उपजा है।
  • यह समावेशन केरल के वित्तीय लचीलेपन को गंभीर रूप से बाधित करता है, जिससे आवश्यक सेवाओं और कल्याण योजनाओं को वित्तपोषित करने की क्षमता में रुकावट आती है।

संवैधानिक चिंताएँ क्या हैं?

  • मुद्दा:
    • NBC द्वारा संविधान का अनुच्छेद 293(3) लागू होता है, जो केंद्र से पिछले ऋण बकाया रहने पर ऋण जुटाने के लिये राज्य की सहमति को अनिवार्य करता है।
    • हालाँकि, राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों द्वारा अतिरिक्त-बजटीय उधार को शामिल करने का केंद्र का निर्णय राज्य के वित्त को विनियमित करने के केंद्र के अधिकार के संबंध में संवैधानिक प्रश्न उठाता है।
    • जबकि वित्त आयोग राजवित्तीय पारदर्शिता पर ज़ोर देता है, उसने स्पष्ट रूप से NBC में राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के ऋण को शामिल करने का आह्वान नहीं किया है।
  • संवैधानिक प्रावधान:
    • भारत के संविधान का अनुच्छेद 293(3) राज्य सरकार की भारत की संचित निधि या राज्य की लोक निधि से धन उधार लेने की शक्ति से संबंधित है।
    • कोई राज्य भारत सरकार की सहमति के बिना कोई ऋण नहीं ले सकता है यदि उस ऋण का कोई हिस्सा अभी भी बकाया है जो भारत सरकार या उसकी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य को दिया गया है, या जिसके संबंध में भारत सरकार या उसकी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गारंटी दी गई हो।

अधिकारिता संबंधी विवाद क्या हैं?

  • "राज्य के लोक ऋण" पर संसद का अधिकार राज्य सूची की प्रविष्टि 43 के साथ टकराव करता है, जो राज्यों को लोक ऋण मामलों पर विशेष क्षेत्राधिकार प्रदान करता है।
  • इसके अतिरिक्त, केरल संविधान के अनुच्छेद 266(2) का हवाला देते हुए राज्य के लोक खाते में शेष राशि NBC के अधीन नहीं होनी चाहिये, का तर्क देता है ।
  • राज्य का तर्क है कि सार्वजनिक खातों से संबंधित गतिविधियाँ राज्य विधानमंडल के दायरे में आती हैं, और केंद्र के पास NBC में सार्वजनिक खातों से निकासी को शामिल करने का अधिकार नहीं है।

केरल राजवित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम, 2003 क्या है?

  • केरल राजवित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम, 2003, बजट प्रबंधन और राजवित्तीय अनुशासन के लिये आंतरिक तंत्र पर ज़ोर देते हुए, राज्य के लिये राजवित्तीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित करता है।
  • यह भारत के राज्य केरल सरकार द्वारा अधिनियमित एक कानून है, जिसका उद्देश्य राज्य के वित्त के प्रबंधन में राजवित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है।
  • यह अधिनियम यह सुनिश्चित करने के लिये पारित किया गया था कि राज्य सरकार राजवित्तीय प्रबंधन में विवेक बनाए रखे और राजवित्तीय स्थिरता प्राप्त करने की दिशा में काम करे।

विकास और कल्याण के लिये निहितार्थ क्या हैं?

  • केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये केरल के प्रगतिशील दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है।
  • परंतु, केरल की विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित करने की क्षमता उसके नागरिकों के लिये आवश्यक सेवाओं की कीमत पर नहीं आनी चाहिये।
  • वित्त मंत्री ने चेतावनी दी है कि केरल को ऋण लेने की क्षमता से वंचित करने से राजस्व की कमी वाले राज्य में विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

वर्तमान संघर्ष किस प्रकार विध्वंसकारी संघवाद की ओर ले जा रहा है?

  • वर्तमान संघर्ष भारत के संघीय ढाँचे में सहकारी संघवाद से लेकर "विध्वंसकारी संघवाद" की ओर एक चिंतित करने वाले परिवर्तन को दर्शाता है।
  • केंद्र के ऋण प्रतिबंध इस उभरते संघीय प्रतिमान की विनाशकारी प्रकृति का उदाहरण देते हैं, जो राज्य की स्वायत्तता और वित्तीय स्थिरता के लिये महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ पेश करते हैं।

निष्कर्ष:

केरल-केंद्र गतिरोध से भारत में राजवित्तीय संघवाद की चुनौतियों का पता चलता है। NBC के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में केरल की चुनौती सहकारी संघवाद की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। संतुलित राजवित्तीय शक्तियाँ सतत् विकास को बढ़ावा देती हैं। केंद्र को राज्यों के अधिकारों और भारत की संघीय अखंडता का सम्मान करते हुए केरल के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ना चाहिये।