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सिविल कानून

बाल्फोर बनाम बाल्फोर (1918-19)

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 14-Sep-2023

परिचय (Introduction)-

यह पहला मामला है, जिसने कानून में विधिक संबंध सिद्धांत (legal relationship theory) निर्धारण के उद्देश्य को परिभाषित किया है, इसके अनुसार पति और पत्नी के बीच किया गया अनुबंध एक प्रकार का घरेलू अनुबंध है, जिसे विधि के तहत प्रवर्तित नहीं किया जा सकता है।

तथ्य (Facts)-

  • इस मामले में श्री बाल्फोर अवकाश पर गए थे और उनकी पत्नी श्रीमती बाल्फोर बीमार हो गईं और उन्हें चिकित्सा उपचार की आवश्यकता थी।
  • उन्होंने एक समझौता किया कि श्रीमती बाल्फोर इंग्लैंड में रहेंगी और श्री बाल्फोर सीलोन में रहेंगे, वे श्रीमती बाल्फोर को 30 डॉलर का भुगतान करेंगे।
  • यह समझौता तब हुआ जब उनका रिश्ता ठीक था। हालाँकि बाद में रिश्ते में कटुता आई और पति ने भुगतान करना बंद कर दिया।
  • बाद में पति-पत्नी अलग हो गए और पत्नी ने उनके बीच अनुबंध को लागू करने के लिये वाद दायर किया।

शामिल मुद्दे (Issues Involved)-

  • क्या श्री बाल्फोर का कभी अपनी पत्नी श्रीमती बाल्फोर के साथ किसी प्रकार का समझौता करने का मंतव्य (intention) था?
  • क्या श्रीमान और श्रीमती बालफोर के बीच हुआ समझौता प्रकृति में पूर्णतः वैध है?
  • क्या पति और पत्नी के बीच अनुबंध न्यायालय में प्रवर्तन योग्य है?

अवलोकन (Observation)-

  • न्यायालय ने कहा कि पति-पत्नी के बीच का अनुबंध घरेलू अनुबंध (domestic contracts) है और इसे विधि के तहत प्रवर्तित नहीं किया जा सकता।
  • वर्तमान मामले में पति-पत्नी के बीच सांविधिक संबंध स्थापित करने का कोई उद्देश्य नहीं था, पति सांविधिक रूप से भुगतान करने के लिये बाध्य नहीं है।
  • यह उल्लेख किया गया कि यदि पति और पत्नी के बीच अनुबंध टूटने पर न्यायालय पत्नियों को अनुमति देता है, तो न्यायालय इन तुच्छ मामलों में उलझ जाएगा।
  • यह मामला मूल रूप से सामाजिक समझौतों (social agreements) पर आधारित है जो विधि के तहत प्रवर्तन योग्य नहीं है।

नोट (Note)-

व्यक्तिगत पारिवारिक रिश्तों में किये गए समझौतों को अनुबंध विधि में शामिल नहीं किया जाता है, पूंजी या मौद्रिक लाभ प्रदान करने के लिये पति-पत्नी के बीच किये गए समझौते विधिक रूप से कोई बाध्यकारी प्राधिकार नहीं रखते हैं। सामान्यतः पति-पत्नी या विवाह पक्ष व्यक्तिगत और घरेलू खर्चों की व्यवस्था करते हैं, लेकिन उन चीजों में कभी भी विधिक प्रवृत्ति (legal instinct) नहीं होती है।