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आपराधिक कानून
यूक्रेनी संघर्ष में भारतीयों की भर्ती
« »01-Mar-2024
स्रोत: द हिंदू
परिचय:
यूक्रेनी संघर्ष क्षेत्र में सेवा करने के लिये रूसी सेना द्वारा भारतीय नागरिकों की भर्ती के संबंध में विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा हालिया रहस्योद्घाटन पर तत्काल ध्यान देने और सक्रिय उपायों की मांग की गई।
विलंबित अभिस्वीकृति के परिणाम क्या हैं?
- यूक्रेनी संघर्ष में भारतीय नागरिकों की भागीदारी सरकार द्वारा विलंबित अभिस्वीकृति पर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न करती है।
- यह इसके निरीक्षण तंत्र की प्रभावकारिता पर प्रश्न उठाता है।
- बढ़ते साक्ष्यों और रिपोर्टों के बावजूद, इस मामले पर अब तक सरकार की चुप्पी निराशाजनक रही है।
- यूक्रेनी ड्रोन-संचालित मिसाइल की चपेट में आने से सूरत के एक व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु, इस तरह की खतरनाक गतिविधियों में फँसने वाले लोगों के सामने आने वाले गंभीर जोखिमों को रेखांकित करती है।
सरकार द्वारा की गई और नहीं की गई कार्रवाइयों की स्थिति क्या है?
- सरकार ने पहले ही पूर्वनिर्धारित उपाय किये थे और जागरूकता अभियान चलाया था, कई भारतीय नागरिकों को संघर्ष क्षेत्रों में आकर्षक रोज़गार के भ्रामक वचनों का शिकार होने से रोका जा सकता था।
- ऐसे उद्यमों से जुड़े जोखिमों के बारे में नागरिकों को शिक्षित करने के लिये सक्रिय उपायों की अनुपस्थिति अधिकारियों की ओर से एक महत्त्वपूर्ण लापरवाही को दर्शाती है।
उत्प्रवास प्रोटोकॉल और क्षेत्रीय सहयोग को कैसे मज़बूत किया जा सकता है?
- सरकार के लिये यह ज़रूरी है कि वह उन अनैतिक भर्तीकर्त्ताओं के नेटवर्क की गहनता से जाँच करे जो विदेशों में रोज़गार के अवसर तलाशने वाले भारतीय नागरिकों की कमज़ोरियों का लाभ उठाते हैं।
- सरकार को संघर्षरत देशों के लिये अपनी प्रक्रियाओं का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिये, जिसमें ऐसे क्षेत्रों में विदेशी रोज़गार से जुड़ी संविदाओं के लिये सख्त जाँच प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने हेतु "उत्प्रवास जाँच की आवश्यकता वाले" देशों की सूची का अद्यतन करना शामिल है।
- इसके अलावा इससे नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे समान चुनौतियों का सामना करने वाले पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने से असुरक्षित रोज़गार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने वाले नेटवर्क को समाप्त करने में सहायता मिल सकती है।
मूल कारण क्या हैं?
- संघर्षरत क्षेत्रों में रोज़गार की तलाश करने वाले या अवैध अप्रवासियों के रूप में खतरनाक यात्राएँ करने वाले भारतीयों की संख्या में वृद्धि, भारत में व्याप्त गहन आर्थिक संकट और रोज़गार की कमी को रेखांकित करती है।
- हालाँकि इन प्रणालीगत मुद्दों को संबोधित करने के लिये दीर्घकालिक रणनीतियों की आवश्यकता है, सरकार को विदेशी उद्यमों में जाने वाले अपने नागरिकों के कल्याण की सुरक्षा के लिये अधिक समानुभूति और प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिये।
निष्कर्ष:
- निष्कर्षतः यूक्रेनी संघर्ष के दौरान भारतीयों के वहाँ जाने पर सरकार की स्वीकृति, व्यापक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता की एक गंभीर अनुस्मारक है। अनैतिक भर्तीकर्त्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने से लेकर जागरूकता अभियान चलाने और उत्प्रवास प्रोटोकॉल बेहतर करने तक, विदेशों में रोज़गार के अवसर तलाशने वाले भारतीय नागरिकों के सामने आने वाले जोखिमों को कम करने के लिये ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।